केरल के कॉलेज में छात्राओं के बुर्का पहनकर आने पर लगा बैन
तिरुवनंतपुरम: श्रीलंका में बुर्का पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारत में भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है। इसी कड़ी में केरल के मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी ने एक सर्कुलर जारी करते हुए छात्रों से कहा है कि वो कॉलेज के दौरान अपने चेहरे को ढक कर न रखें। 17 अप्रैल को कालीकट में मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी द्वारा सर्कुलर पारित किया गया था और इसमें कहा गया था कि एमईएस के तहत सभी स्कूलों और कॉलेजों में बुर्का पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। बता दें कि यह सोसायटी केरल में कई स्कूलों और कॉलेजों का संचालन करती है।
राज्य के मलप्पुरम जिले में एक कॉलेज द्वारा अपने कॉलेज परिसर से बुर्का पर प्रतिबंध लगाने के बाद दक्षिण भारतीय राज्य केरल में एक बड़ा विवाद छिड़ गया है। राज्य के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में इस निर्णय को लेकर चर्चा गरम है। जारी सर्कुलर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि चेहरे को ढंकने वाली किसी भी पोशाक पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। हालांकि केरल के कई संगठनों ने सोसायटी के इस सर्कुलर की निंदा की है और कहा है कि यह धार्मिक सिद्धांतों और समुदाय की भावनाओं के खिलाफ जाता है, एमईएस को इस तरह के फैसले लेने से पहले विभिन्न संगठनों से परामर्श करना पड़ता है।
Kerala: Muslim Education Society (MES) has issued a circular banning girl students from covering their faces in colleges.
— ANI (@ANI) May 2, 2019
बता दें कि शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में बुर्का पहनने को लेकर एक लेख लिखा गया था। जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्रीलंका के फैसले को अपनाने की अपील की गई थी। हालांकि बाद में शिवसेना ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि यह संपादक का व्यक्तिगत विचार है इससे पार्टी और नेता का कोई लेना देना नहीं है। बुर्का पहनने का यह मामला ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में हुए ब्लास्ट के बाद से चर्चा में है। श्रीलंका ने पूरे देश में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर बैन लगा दिया है।
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