केरल लव जिहाद: मैंने तो आजादी मांगी थी, लेकिन सच यही है कि मैं अभी भी आजाद नहीं हूं
नई दिल्ली। केरल के कथित लव जिहाद केस में सुप्रीम कोर्ट ने हादिया को बड़ी राहत दी है। हादिया को परिवार की कस्टडी से रिहा करते हुए कोर्ट ने हादिया को सलेम में पढ़ाई खत्म करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल पुलिस के साथ हादिया सलेम में शिवराज मेडिकल कॉलेज चली गई, जहां से वह अखिला अशोकन नाम से अपनी पढ़ाई जारी रखेगी। यहां पर हादिया 11 महीने की होम्योपैथी इंटर्नशिप करेंगी।
हादिया ने कहा है कि वह सामान्य अधिकारों की मांग कर रही थीं, जो हर भारतीय नागरिक के पास होते हैं। इसका राजनीति और जाति के साथ कुछ लेना-देना नहीं है। मैं सिर्फ इतना चाहती हूं कि मैं जैसे चाहूं वैसे लोगों से बात कर सकूं। मैंने कोर्ट से आजादी की मांग की थी। मैं अपने पति से मिलना चाहती थी, लेकिन सच यह है कि अभी भी मैं आजाद नहीं हूं।
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल जी कन्नन ने कहा है कि हादिया के साथ उसी तरह का व्यवहार किया जाएगा, जैसा हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं के साथ किया जाता है। हादिया के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, हादिया को कॉलेज में उचित सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी।
केरल लव जेहाद मामले में हादिया के पिता ने कहा है कि वह अपने परिवार में किसी आतंकवादी को नहीं चाहते। के. एम. अशोकन ने कहा कि उनकी बेटी हादिया इस्लाम में परिवर्तित होने के बाद सीरिया जाना चाहती है लेकिन उसे वहां के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं अशोकन ने उनकी बेटी को पढ़ाई जारी रखने की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का स्वागत किया है। अशोकन से जब अंर्तजातीय विवाह के बारे में उनकी राय पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वह एक धर्म और एक ईश्वर में विश्वास रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हादिया को उनके अभिभावकों के संरक्षण से मुक्त करते हुए उन्हें कॉलेज में पढ़ाई जारी रखने का निर्देश दिया था।
ये भी पढ़ें- केरल लव जेहाद: हादिया के पिता ने कहा- परिवार में आतंकवादी नहीं चाहते