28 माह के बाद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को लखनऊ जेल से किया गया रिहा
28 महीने से जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को आखिरकार जेल से रिहा कर दिया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कप्पन को 23 दिसंबर को रिहा करने का आदेश दिया था।
केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को आखिरकार जेल से रिहा कर दिया गया है। वह पिछले 28 महीनों से उत्तर प्रदेश की जेल में बंद थे। उनके खिलाफ आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप हैं, लेकिन आज उन्हें लखनऊ की जेल से रिहा कर दिया गया है। कप्पन को उत्तर प्रदेश के हाथरस शहर में गिरफ्तार किया गया था, जहां पर एक दलित महिला की कथिर रेप के बाद मौत हो गई थी। कप्पन और तीन अन्य लोगों के खिलाफ पीएफआई के साथ लिंक होने का आरोप है। भारत में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कप्पन और तीन अन्य लोगों पर आरोप है कि उन लोगों ने हिंसा भड़काने की कोशिश की थी।
जेल से रिहा होने के बाद कप्पन ने कहा कि मैं हाथरस रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। रिपोर्टिंग करना अपराध हो गया है। 28 महीने मुझे जेल में बिताने पड़े, इसके बाद भी मुझे न्याय नहीं मिला। 28 महीनों के संघर्ष के बाद मैं आखिरकार बाहर हूं। मैं खुश हूं। बता दें कि पिछले साल सितंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को जमानत दे दी थी। लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग केस में कप्पन जेल में बंद थे। ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। कप्पन पर शुरुआत में देशद्रोह और यूएपीए के तहत आतंकी गतविधियों में लिप्त होने के चलते जेल में बंद किया गया था। बाद में फरवरी 2022 में उनके खिलाफ आईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। उनपर पीएफआई से पैसे लेने का भी आरोप है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कप्पन को 23 दिसंबर को रिहा करने का आदेश दिया था। मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें कोर्ट से राहत मिली थी। बुधवार को कप्पन की सुरक्षा को लेकर कोर्ट में आश्वसान दिया गया, इसके बाद उन्हें आज रिहा कर दिया गया।
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