केरल में नहीं लागू होगा एनपीआर, कैबिनेट ने लिया फैसला
नई दिल्ली। केरल में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) नहीं किया जाएगा। केरल कैबिनेट ने राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू नहीं करने का फैसला किया है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि एनपीआर नहीं लागू करने के कैबिनेट के फैसले से जनगणना रजिस्ट्रार जनरल को सूचित कर दिया जाएगा। हालांकि राज्य सरकार ने साफ किया है कि 2012 जणगणना में पूरा सहयोग दिया जाएगा।
केरल सरकार लगातार, सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध कर रही है। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा है कि राज्य में ऐसा कोई कानून लागू नहीं किया जाएगा, जिसके पीछे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का एजेंडा हो। विजयन ने रविवार को कहा, प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि एनआरसी पूरे राज्य में लागू नहीं की जाएगी। 2014 से एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं की गई थी। अब गृह मंत्री अमित शाह ने कह रहे हैं कि इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। विजयन ने कहा कि देश में काम संवैधानिक तरीके से होना चाहिए।
केरल की विधानसभा केंद्र से नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग करते हुए प्रस्ताव भी पास कर चुकी है। विजयन ने इस कानून को देश की धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है। केरल की सरकार ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी दी है।
केरल सरकार सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दे चुकी है कि 2021 की जनगणना पर परिपत्र भेजने के दौरान राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का उल्लेख नहीं किया जाए। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव के आर ज्योतिलाल ने जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे व्यक्तिगत तौर पर इसे सुनिश्चित करें क्योंकि पिछले महीने राज्य सरकार ने राज्य में एनपीआर से संबंधित सभी मामलों पर रोक लगा दी थी।
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