केरल में फिर सामने आया निपाह वायरस का केस, स्वास्थ्य मंत्री ने की पुष्टि
नई दिल्ली। केरल में एक बार फिर दिमागी बुखार यानि निपाह संक्रमण का मामला सामने आया है। केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने निपाह वायरस के मामले की पुष्टि की है। कोच्चि के एर्नाकुलम के एक युवक का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है जिसको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) से रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले की पुष्टि हुई।
इसके पहले, केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा था कि छात्र के खून के सैंपल को आगे की जांच के लिए भेज दिया है और सरकार को रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने कहा था कि इससे पहले भी संदिग्ध मामले आए थे और नमूने परीक्षण को भेजे गए थे, लेकिन नतीजे नकारात्मक रहे थे। लेकिन अब उन्होंने निपाह के मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाव के सभी उपाय कर दिए गए हैं।
वहीं, जिलाधिकारी ने सभी से लोगों में दहशत फैलाने से दूर रहने की अपील की। पिछले साल, निपाह वायरस ने केरल में 17 लोगों की जान ले ली थी। बताया जा रहा है कि छात्र एर्नाकुलम जिले का रहने वाला है और इदुक्की जिले में स्थित थोडुपुजा के कॉलेज में पढ़ता है। वह हाल में एक शिविर के संबंध में त्रिशूर में था।
त्रिशूर की जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ रीना के मुताबिक, छात्र सिर्फ चार दिन ही त्रिशूर में था और उसे बुखार आ रहा था। उन्होंने बताया कि उसके साथ 16 अन्य छात्र थे और उनमें से छह उससे सीधे संपर्क में थे। उन्हें निगरानी में रखा गया है। यह वायरस इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। यह पहली बार 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई में फैला था।