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शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन पर केरल के गवर्नर खान ने कह दी बहुत गंभीर बात

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नई दिल्ली- दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के बहाने सड़क पर दो महीने से ज्यादा जारी धरने को लेकर केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने बहुत ही गंभीर बात कही है। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि यह अभिव्यक्ति के अधिकार के बहाने दूसरों पर अपने विचार थोपने की कोशिश है। उन्होंने दो टूक कह दिया कि किसी को भी कानून हाथ में लेकर दूसरों के जन-जीवन को बाधित करने का कोई अधिकार नहीं है। जाहिर है कि इस मसले पर केरल के गवर्नर को अपने राज्य में भी सत्ताधारी एलडीएफ और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। खान ने शाहीन बाग को लेकर ये टिप्पणी गोवा में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान की है।

दूसरों पर विचार थोपने की कोशिश- आरिफ मोहम्मद खान

दूसरों पर विचार थोपने की कोशिश- आरिफ मोहम्मद खान

केरल के राज्यपाल आरिफ मोम्मद खान ने रविवार को दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में दो महीने से भी ज्यादा वक्त से जारी नागरिकता संशोधन विरोधी प्रदर्शन को लेकर बहुत बड़ी बात कह दी है। केरल के राज्यपाल ने गोवा की राजधानी पणजी में रविवार को कहा कि शाहीन बाग में जो कुछ भी हो रहा है, वह विरोध जताने के लिए कोई अभिव्यक्ति का अधिकार नहीं है, बल्कि "दूसरों पर विचार थोपने की एक कोशिश है।" उन्होंने यहां तक कहा कि कुछ लोग कानून को हाथ में लेकर सामान्य जन-जीवन को बाधित करना चाहते हैं। खान के मुताबिक, "यह विरोध करने का तरीका नहीं है, यह दूसरों पर विचार थोपने की एक कोशिश है। आपको अपना नजरिया व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन सामान्य जन-जीवन को ठप करने का आपको अधिकार नहीं है।"

बातचीत के लिए सुनना भी जरूरी- गवर्नर

बातचीत के लिए सुनना भी जरूरी- गवर्नर

जब उनसे सीएए के खिलाफ देश भर में जारी विरोध पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 1986 में शाह बानो केस में भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाखों लोग थे। उन्होंने कहा कि , "लेकिन, क्या मेरी ओर से ये कहना उचित होता कि जब तक कानून वापस नही लिया जाता मैं धरने पर बैठने जा रहा हूं।" गौरतलब है कि खान ने इसी मुद्दे पर राजीव गांधी सरकार से इस्तीफा दे दिया था। 'फ्री स्पीच, सेंसरशिप और मीडिया' विषय पर गोवा के इंटरनेशनल सम्मेलन में उन्होंने कहा कि "जब आपका रुख ये होता है कि सिर्फ मैं ही सही हूं, तब बातचीत नहीं हो सकती। बातचीत तभी हो सकती है, जब आप सुनने के लिए भी तैयार हों। यहां, जबर्दस्ती यह बात रखी जा रही है कि हम तब तक नहीं मानेंगे जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता। सरकार बातचीत से इनकार नहीं करेगी, अगर इसके लिए कोई सामने आता है। "

'हम तथ्यों को नजरअंदाज नहीं कर सकते'

'हम तथ्यों को नजरअंदाज नहीं कर सकते'

पाकिस्तान स्थित एक एनजीओ के सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि वहां 2019 में 1,000 से ज्यादा लड़कियों को अगवा किया गया और जबरन उनका धर्मांतरण करवाया गया। उन्होंने कहा कि, "मुझे लगता है कि जिस तरह से पाकिस्तान का निर्माण हुआ था और जिस तरह से वहां मामलों को अंजाम दिया जा रहा है उसकी वजह से दुर्भाग्य से भारत में कई लोगों की सोच विकृत हो गई है।" उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और सभ्यता के मद्देनजर हमें उदारवादी रहना है और यहां की विविधता को आदर के साथ स्वीकार करना होगा, लेकिन इसके साथ ही हम तथ्यों को नजरअंदाज भी नहीं कर सकते। जब उनसे सीएए को आर्टिकल 131 का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार की ओर से चुनौती दिए जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि "यह कोर्ट को तय करना है कि सरकार बिना राज्यपाल से मंजूरी लिए उसके पास जा सकती है या नहीं।" बता दें कि पिछले महीने केरल की एलडीएफ सरकार ने सीएए को संविधान के खिलाफ बताते हुए इसे गैर-कानूनी घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

दो महीने से ठप है शाहीन बाग की सड़क पर आवाजाही

दो महीने से ठप है शाहीन बाग की सड़क पर आवाजाही

बता दें कि दिल्ली के ओखला इलाके में शाहीन बाग में पिछले दो महीने से भी ज्यादा वक्त से कुछ प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के खिलाफ धरने पर बैठे हैं, जिसमें ज्यादतर महिलाएं हैं। बता दें कि इसकी वजह से रोजाना दक्षिणी दिल्ली और यूपी के नोएडा आने-जाने वाले लाखों नागरिकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें छोटे-छोटे स्कूली बच्चे भी शामिल हैं,लेकिन प्रदर्शनकारी टस से मस होने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने उस मुख्य सड़क पर आवाजाही पूरी तरह से ठप कर रखी है। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए हिंदुओं, सिखों, क्रिश्चियनों, जैनियों, बौद्धों और पारसियों को भारत में नागरिकता देने का कानून है, बशर्ते कि वे 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आ चुके हों।

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English summary
Kerala Governor Arif Mohammad Khan has said that the way the CAA is being opposed is an attempt to impose views on others
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