CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार तो भड़के राज्यपाल, मांगी सफाई: सूत्र
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केरल सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सीएए का विरोध करने वाली केरल की सरकार ने पहली ही कानून को लागू करने से मना कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब केरल सरकार सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। इस पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पिनाराई विजयन सरकार पर भड़क गए और इस सिलसिले में राज्य सरकार के मुख्य सचिव से सफाई मांगी है।
गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में सीएए के खिलाफ पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। विपक्षी पार्टियां इसके विरोध में मार्च निकाल रही हैं और युवा भी सड़कों पर उतरे हैं। केरल सरकार ने सीएए को प्रदेश में लागू करने से पहले ही मना कर दिया है। वहीं, दूसरी तरफ केरल के राज्यपाल सीएए के समर्थन में हैं और वह चाहते हैं की राज्य में कानून लागू हो। इसी विवाद के बीच केरल की विधानसभा में हाल ही में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया था जिसे राज्यपाल ने खारिज कर दिया था। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा था कि यह अब कानून बन चुका है।
राज्यपाल
को
मिली
संविधान
के
दायरे
में
रहने
की
नसीहत
हाल
ही
में
राज्यपाल
आरिफ
खान
पर
कम्युनिस्ट
पार्टी
ऑफ
इंडिया
मार्क्सवादी)
ने
अपने
मुखपत्र
के
जरिए
निशाना
साधा
है।
मुखपत्र
में
राज्यपाल
को
नसीहत
देते
हुए
कहा
गया
कि
उन्हें
संविधान
के
अनुसार
ही
काम
करना
चाहिए,
न
कि
व्यक्तिगत
आधार
पर।
सीपीएम
ने
लिखा
कि
राज्य
सरकार
हर
दिन
की
गतिविधियों
की
जानकारी
राज्यपाल
को
दे
ऐसा
प्रावधान
संविधान
में
कहीं
नहीं
है।
अनुच्छेद
167
बताता
है
कि
किन
हालात
में
मुख्यमंत्री
राज्यपाल
को
सूचित
करेंगे।
इसके
अलावा
किसी
भी
प्रदेश
का
सीएम
सिर्फ
कैबिनेट
के
निर्णयों
की
सूचना
राज्यपाल
को
देने
के
लिए
बाध्य
है।
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