केरल: कर्मचारियों की सैलरी में कटौती के अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी
नई दिल्ली। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य सरकार से उस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, जिसमें कर्मचारियों की तनख्वाह में कटौती का प्रावधान है। एक दिन पहले की केरल की सरकार ये अध्यादेश लेकर आई थी, जिसे गुरुवार को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई। विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस ने वाम मोर्चा की सरकार के इस अध्यादेश को मंजूरी ना देने की अपील राज्यपाल से की थी लेकिन राज्यपाल ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। जिसके बाद सरकार के लिए राज्य कर्मचारियों के वेतन से अस्थायी तौर पर कटौती का रास्ता साफ हो गया है।

अध्यादेश के तहत कोरोना के बाद की आपात स्थिति में राज्य सरकार अपने कर्मचारियों का 25 प्रतिशत वेतन काटेगी। केरल के वित्तमंत्री टीएम थोमस इसाक ने बुधवार को बताया था कि मंत्रिमंडल ने कोरोना वायरस से निपटने की लड़ाई में पैसों की कमी दूर करने के लिए अपने कर्मचारियों का वेतन काटने के लिए अध्यादेश लाने का फैसला लिया है।
केरल सरकार का कहना है कि कोरोना संकट से निपटने के लिए फंड की कमी दूर करने के लिए कर्मचारियों की तनख्वाह काटने का फैसला लिया गया है। सरकार ने पहले ही इस संबध में आदेश जारी किया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से जारी कर्मचारियों के वेतन कटौती के आदेश को कानून सम्मत ना बताते हुए इस पर दो महीने तक के लिए रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब केरल सरकार ने इस पर अध्यादेश लेकर आई।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन इस संबंध में पहले ही कह चुके हैं कि राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक होने के बाद कर्मचारियों को उनका काटा गया वेतन वापस कर दिया जाएगा। बता दें कि केरल समेत ज्यादातर राज्य इस समय फंड की कमी होने की बात कह रहे हैं। देशभर में बीते एक महीने से ज्यादा समय से लॉकडाउन है। जिसके चलते कामकाज बंद है और राज्यों को राजस्व मिलना तकरीबन बंद हो चुका है। वहीं कोरोना से निपटने के लिए राज्यों को काफी खर्च करना पड़ रहा है। ऐसे में उनको सामने चुनौतियां आ रही हैं।
कर्मचारियों की तनख्वाह में कटौती के लिए अध्यादेश लाई केरल सरकार, हाईकोर्ट ने लगाई थी आदेश पर रोक