Kerala Gold Smuggling: स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, तस्करों से संबंध होने का आरोप
Kerala Hindi News: केरल में सोना तस्करी का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कई करीबियों के जेल जाने के बाद इस मामले की आंच विधानसभा स्पीकर तक भी पहुंच गई। जिस वजह से गुरुवार को आईयूएमएल विधायक एम उमेर ने विधानसभा में स्पीकर पी. श्रीरामकृष्णन (P Sreeramakrishnan) को हटाने का प्रस्ताव लाया। इसके बाद इस पर विस्तार से चर्चा हुई। हालांकि बाद में प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।
विपक्ष का आरोप है कि स्पीकर पी. श्रीरामकृष्णन का हाथ भी सोना तस्करी से जुड़े मामले में है। ऐसे में उनको संवैधानिक पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। जब गुरुवार को उन्हें हटाने का प्रस्ताव आया तो केरल में एकमात्र बीजेपी विधायक ओ. राजगोपाल ने कहा कि किसी भी विधानसभा का स्पीकर वहां का रोल मॉडल होता है। अब स्पीकार पर तस्करों के साथ संबंध होने का आरोप लगा है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे में उन्हें हटाया जाना चाहिए।
वहीं मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) खुद स्पीकर के बचाव में उतरे। उन्होंने कहा कि कोर्ट में गोल्ड स्मगलिंग के आरोपियों द्वारा दिए गए 164 के बयान अभी तक सामने नहीं आए हैं। सभी आरोपियों से जांच एजेंसियां महीनों से पूछताछ कर रही हैं। ऐसे में कैसे उनके दिए बयान पर भरोसा किया जा सकता है। इस पर विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है। श्रीरामकृष्णन पहले ऐसे स्पीकर हैं, जिन पर तस्करों से संबंध रखने का आरोप लगा है। उन्हें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। लंबी चर्चा के बाद स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव खारिज कर दिया। इसके बाद यूडीएफ ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया।
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क्या
है
पूरा
मामला?
दरअसल
5
जुलाई
2020
को
तिरुवनंतपुरम
अंतरराष्ट्रीय
हवाई
अड्डे
पर
कस्टम
विभाग
के
अधिकारियों
ने
गुप्त
सूचना
के
आधार
पर
यूएई
से
आया
एक
डिप्लोमेटिक
सामान
पकड़ा।
विदेश
मंत्रालय
से
अनुमति
लेने
के
बाद
यूएई
वाणिज्य
दूतावास
के
अधिकारियों
की
मौजूदगी
में
जब
उसे
खोला
गया
तो
उसमें
घरेलू
इस्तेमाल
की
कई
चीजों
में
भरा
हुआ
30
किलो
सोना
मिला।
इसकी
कीमत
लगभग
15
करोड़
रुपए
बताई
जा
रही
है।
इस
मामले
में
कई
अधिकारी
और
नेता
संलिप्त
हैं।