गोल्ड तस्करी केस: स्वप्ना सुरेश के साथ तस्वीर वायरल होने पर मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने दी ये सफाई
नई दिल्ली। केरल में 30 किलोग्राम की गोल्ड स्मगलिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में यूएई काउंसलेट में काम करने वाली पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश का नाम सामने आने के बाद प्रदेश सरकार कटघरे में है। स्वप्ना सुरेश केरल स्टेट आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में कर्मचारी थी, जिसे इस केस के सामने आने के बाद से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रदेश का आयकर मंत्रालय मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन के पास है, ऐसे में इस स्मगलिंग मामले में विपक्ष सीधे तौर पर मुख्यमंत्री पर निशाना साध रहा है। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री की स्वप्ना के साथ तस्वीरें सामने आने के बाद खुद मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है।
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मुख्यमंत्री कटघरे में
दरअसल भाजपा ने इस पूरे स्मगलिंग मामले में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय पर आरोप लगाते हुए इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। लेकिन मुख्यमंत्री का कहना है कि गोल्ड स्मगलिंग केस में विवादित महिला का मुख्यमंत्री कार्यालय या फिर आयकर विभाग से कोई संपर्क नहीं है। मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सीएमओ का स्वप्ना सुरेश से कोई संबंध नहीं है और केरल सरकार का इस स्मगलिंग केस से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि एयरपोर्ट अथॉरिटी केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है।
स्वप्ना सुरेश पर दी सफाई
आरोप है कि मुख्यमंत्री के सचिव एम शिवशंकर ने एयरपोर्ट अथॉरिटी पर दबाव डाला था और वो स्वप्ना सुरेश के काफी करीब हैं। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उनके पद से हटा दिया है। लेकिन इस मामले में मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने कहा कि आरोप लगने के बाद मुख्य सचिव के पद से शिवशंकर को हटा दिया गया है। लेकिन उनके खिलाफ कोई भी कानूनी केस नहीं है। कथित महिला आरोपी आयकर विभाग के एक प्रोजेक्ट में बतौर मार्केटिंग मैनेजर काम कर रही थी और वह कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी थी। महिला को एक प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा नौककरी दी गई थी। यह एक सामान्य प्रक्रिया है और मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उसे किसी सिफारिश से यह नौकरी दी गई थी।
मुख्यमंत्री ने केंद्र पर फोड़ा ठीकरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जानबूझकर मुख्यमंत्री कार्यालय को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। कस्टम विभाग ने साफ कर दिया है कि सीएमओ से किसी ने उन्हें फोन नहीं किया था। सभी एयरपोर्ट केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करते हैं और केंद्र सरकार ही उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया कराती है। राज्य सरकार इसमे कुछ भी नहीं कर सकती है। यह पूरी तरह से केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। वहीं जब मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार पर है कि वह किससे इस मामले की जांच कराना चाहती है, जैसा कि मैंने पहले ही कहा है कि सभी एयरपोर्ट केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं। कस्टम अच्छा काम कर रहा है, मुझे उम्मीद है कि इस मामले में जो भी आरोपी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।