Kerala Floods:केंद्र अस्वीकार कर सकता है यूएई की 700 करोड़ की पेशकश, पिनाराई विजयन बोले- UAE की बात अलग
नई दिल्ली। बाढ़ की भीषण तबाही से जूझ रहे केरल के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने 700 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने की पेशकश की है। सूत्रों के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इस मदद को स्वीकार नहीं करेगी। इस बीच केरल के सीएम पिनाराई विजयन के बयान ने मामले को पूरी तरह से नया मोड़ दिया है। केरल के सीएम ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा, 'यूएई की तुलना किसी भी अन्य देश के साथ नहीं की जा सकती है। भारतीय, विशेषतौर पर केरल के लोगों ने यूएई की तरक्की में बड़ी भूमिका अदा की है।'
सीएम पिनाराई विजयन के बयान से स्पष्ट है कि वह यूएई की 700 करोड़ की आर्थिक मदद स्वीकार किए जाने के पक्ष में हैं। दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रों के हवाले से यह बात जरूर सामने आ रही है कि केंद्र सरकार यूएई की आर्थिक मदद की पेशकश को स्वीकार नहीं करेगी। इसके पीछे 2004 की उस नीति का हवाला दिया जा रहा है, जिसके तहत आपदा के वक्त बाहरी देशों की मदद न लेना का फैसला किया गया था।
एनडीटीवी ने केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी से इस संबंध में बात की। चैनल के साथ बातचीत में अधिकारी ने कहा, 'मौजूदा नीति यह है कि हम किसी भी देश से आर्थिक मदद नहीं ले रहे हैं। यही बात यूएई पर भी लागू होती है।' अधिकारी ने यह जरूर कहा कि इस मामले में अंतिम निर्णय विदेश मंत्रालय ही लेगा। दूसरी ओर विदेश मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि यूएई की ओर से अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई प्रपोजल नहीं आया है।
केरल में बाढ़ पीडि़तों की मदद के बारे में गृह मंत्रालय ने जरूर स्पष्ट तौर पर एक बात कही। मंत्रालय के मुताबिक, विदेशों में रह रहे भारतीय अगर केरल की मदद करना चाहें तो वे केरल मुख्यमंत्री राहत कोष में राशि भेज सकते हैं। यह राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होगी।
आपदा के वक्त दूसरे देशों से आर्थिक मदद लेने का जहां तक प्रश्न है तो केदारनाथ आपदा के वक्त भी रूस समेत कई देशों ने मदद की पेशकश की थी, लेकिन उस वक्त भी केंद्र सरकार ने सहायता लेने से इनकार कर दिया था। वैसे केरल के लिए आर्थिक मदद का ऐलान करने वालों में यूएई अकेला नहीं है। केरल 35 करोड़ और मालदीव 50,000 डॉलर की मदद की घोषणा कर चुका है।
यूएई की ओर से आर्थिक मदद के ऑफर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक ट्वीट किया, लेकिन इसमें उन्होंने यह साफ नहीं किया कि वह मदद स्वीकार कर रहे हैं या नहीं? पीएम मोदी ने लिखा कि हम यूएई की ओर की गई मदद की पेशकश के लिए उनका धन्यवाद करते हैं। यह चिंता बताती है कि यूएई और भारत सरकार तथा दोनों देशों के नागरिकों के बीच संबंध कितने खास हैं।