केरल CPM महासचिव बोले-राज्यपाल का व्यवहार भाजपा नेता की तरह, अच्छा हो राजनीति में लौट जाएं
तिरुवनंतपुरम। केरल के कन्नूर में शनिवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के भाषण के दौरान अप्रत्याशित रूप से कुछ प्रतिनिधियों के विरोध का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। केरल के सत्तारूढ़ सीपीआई-एम ने रविवार को कहा कि अगर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान खुद को संवैधानिक कर्तव्यों और जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें पूर्णकालिक राजनीति में लौट जाना चाहिए।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आरोपों पर पलटवार करते हुए सीपीआई (एम) केरल के महासचिव कोदियेरी बालकृष्णन ने कहा कि, हर नागरिक को राजनीतिक क्रियाकलाप करने का हक है। अगर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान खुद को संवैधानिक कर्तव्यों और जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें पूर्णकालिक राजनीति में लौट जाना चाहिए। वह एक भाजपा नेता के रूप में काम कर रहे हैं। वे संशोधित नागरिकता अधिनियम को सही ठहरा रहे हैं।
बालाकृष्णन ने कहा कि, खान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजनेता की तरह व्यवहार करते हैं। यह सच है कि वह बहुत कम उम्र में विधायक बन गया थे और अगर वह बोलने की राजनीति का विरोध करने में विफल हैं, तो यह सबसे अच्छा है कि वह राज्यपाल का पद छोड़ दे और एक पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ बन जाए। कन्नूर में भारतीय इतिहास कांग्रेस के 80 वें संस्करण में कल उन्होंने जो किया वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
वहीं राज्यपाल आरिफ खान ने कल हुई घटना पर कहा कि, इन सबको सुनने के बाद जब मैं बोलने लगा, तो इतिहासकार इरफान हबीब ने मुझको रोकने की कोशिश की। वो मेरी ओर बढ़े, लेकिन जब मेरे एडीसी ने उनको रोका, तो उन्होंने एडीसी का बैज नोच लिया और बदसलूकी की। जब एडीसी ने इरफान हबीब को रोका, तो वो सोफे के पीछे से मेरी ओर बढ़ने की कोशिश की। इस बीच सुरक्षाकर्मी और कन्नूर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर मेरे और इरफान हबीब के बीच दीवार बनकर खड़े हो गए।
उन्होंने कहा- इरफान हबीब मुझ तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि वो करना क्या चाहते थे, इसकी मुझको जानकारी नहीं हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इरफान हबीब ने मेरे एडीसी के बैज को खींचा, अगर वो मेरे पास तक पहुंचते, तो शायद मेरी कॉलर खींचते।
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