RSS के मुखपत्र का दावा, वायनाड में फंसे मजदूरों की स्मृति ईरानी ने की मदद, मुख्यमंत्री ने बताया फर्जी खबर
नई दिल्ली। केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने वायनाड में फंसे अमेठी के लोगों की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा मदद किए जाने की खबर को खारिज किया है। दरअसल सोमवार को आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमे कहा गया था कि स्मृति ईरानी राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में फंसे अमेठी के मजदूरों की मदद कर रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि स्मृति ईरानी ने सही समय पर पूरे मामले में हस्तक्षेप किया और 35 मजदूर जोकि मलप्पुरम में फंसे थे, उनकी मदद की।
मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट को बताया गलत
लेकिन इस दावे को केरल के मुख्यमंत्री ने गलत बताया है। कोरोना वायरस के संक्रमण पर जानकारी देने के लिए जब मुख्यमंत्री बुधवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे तो इस दौरान उन्होंने इस खबर का खंडन किया और कहा कि यहां मजदूर पूरी तरह से ठीक हैं, उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब हमने 41 प्रवासी मजदूरों के बारे में जानकारी हासिल की तो हमे जानकारी मिली कि ये लोग अपनी जगह पर एक साथ रह रहे हैं, पंचायत के अधिकारियों ने उन्हें 25 किट मुहैया कराई है, ये लोग खुद ही यहां खाना बनाते हैं, यहां खाने की कोई दिक्कत नहीं है।
फर्जी प्रचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने एक फर्जी का प्रचार करने वाली रिपोर्ट देखी, जोकि आरएसएस के ऑर्गेनाइजर में छपी, जिसमे कहा गया है कि सही समय पर स्मृति ईरानी की मदद से यहां अमेठी के भूखे मजदूरों को मदद मिली। लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हम सभी बाहर से आए मजदूरों के साथ सभी वंचित लोगों की मदद कर रहे हैं। श्रेय लेने की किसी भी तरह की कोई होड़ नहीं होनी चाहिए, इससे प्रदेश सरकार के काम में बाधा आती है और प्रयासों को आघात पहुंचता है।
अमेठी बनाम वायनाड राजनीति
दरअसल अमेठी बनाम वायनाड की राजनीति सोशल मीडिया पर काफी तेजी से चल रही है। शनिवार को एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमे कहा गया था कि राहुल गांधी ने अमेठी में 12 हजार सैनेटाइजर, 20 हजार फेस मास्क, 10 हजार साबुन भेजे हैं। यही नहीं राहुल गांधी ने यहां पर अनाज भी भेजा है। हालांकि भाजपा नेताओं ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताया था।
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