CAA के खिलाफ केरल विधानसभा में प्रस्ताव पास, सीएम विजयन बोले- नहीं बनेगा डिटेंशन सेंटर
तिरुवनंतपुरम। नागरिकता संशोधन कानून का विपक्षी दल जमकर विरोध कर रहे हैं। गैर-एनडीए शासित कई राज्यों ने इसका विरोध करते हुए साफ कहा है कि इस कानून को वे अपने राज्यों में लागू नहीं करेंगे। मंगलवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जो सदन में चर्चा के बाद पास हो गया।
इसके पहले, पिनराई विजयन ने विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया और उन्होंने कहा कि केरल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा। विधानसभा में कांग्रेस-सीपीआई(एम) ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया जबकि भाजपा विधायक ओ. राजगोपाल ने राज्य विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मुख्यमंत्री द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का विरोध किया। भाजपा विधायक ने कहा कि यह संकीर्ण राजनीतिक मानसिकता को दर्शाता है।
Thiruvananthapuram: Chief Minister of Kerala Pinarayi Vijayan moves resolution against #CitizenshipAmendmentAct in state Assembly, demanding withdrawal of #CAA. pic.twitter.com/IkkfLCwAyG
— ANI (@ANI) December 31, 2019
इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए केरल के विधायक वीडी सतीशन ने कहा कि एनआरसी और सीएए एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। नागरिकता संशोधन एक्ट संविधान के आर्टिकल 13,14 और 15 का स्पष्ट उल्लंघन है। सीपीआई विधायक ने प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए कहा कि ऐसे प्रस्ताव को लाने के लिए मजबूर किया जाता है। भारत में ऐसा विरोध कभी नहीं देखा गया।
गैर-भाजपा शासित राज्यों में हो रहे विरोध के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि इस कानून को सभी राज्यों को लागू करना होगा क्योंकि संसद ने इस कानून को मंजूरी दी है। नागरिकता संशोधन कानून का पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु आदि राज्यों में भारी विरोध देखने को मिला है। इस दौरान यूपी में कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए हैं, बसों-कारों और पुलिस चौकियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसक प्रदर्शन में 20 लोगों की जान भी गई है।