KCR से मुलाकात के बाद बोले विजयन- पीएम कैंडिडेट को लेकर नहीं हुई चर्चा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे घोषित होने में अब 16 दिनों का समय बचा है। राजनीतिक दलों के बीच गठजोड़ की कवायद एक बार फिर से शुरू हो गई है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच राष्ट्रीय राजनीति के परिदृश्य पर विचार विमर्श किया। बता दें कि केसी राव केंद्र की राजनीति में किंग मेकर की भूमिका के लिए काफी उत्साहित हैं। वह लगातार अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क में हैं।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हए केरल की सीएम ने कहा कि, कल केसी राव की हुई यह बैठक काफी महत्वपूर्ण रही है। हमने राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की। केसी राव के अनुसार, दोनों मोर्चों को बहुमत नहीं मिल सकता है। इसलिए, क्षेत्रीय दल एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। हालांकि उन्होंने इस बात को साफ कर दिया कि, इस बैठक में पीएम उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। केरल सीएम ऑफिस सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा काफी फलदायक रही। दोनों के बीच फलदायक चर्चा हुई। उन्होंने मौजूदा राजनीतिक स्थिति और चुनाव के बाद के परिदृश्य पर चर्चा की। वाम दलों के रूप में वह केंद्र में एक गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस सरकार की संभावनाओं की तलाश के लिए भी उत्सुक हैं।
आमतौर पर इस तरह की वार्ता के लिए राजनीतिक दल CPI (M) के मुख्यालय AKG भवन का रुख करते हैं, लेकिन इस बार राव, जिन्हें KCR के नाम से जाना जाता है, ने पार्टी में पिनरई विजयन के बढ़ते कद को देखते हुए सीधे उनसे मुलाकात की। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चूंकि पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के मजबूत गढ़ों में इसकी संभावनाएं नहीं दिख रही हैं, इसलिए माकपा ने केरल पर बहुत आशा जताई है। बैठक से पहले, राव ने राज्य की राजधानी में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में प्रार्थना की।
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अगले पांच दिनों में राव ने जो बैठक की योजना बनाई है, उसमें यह पहली है। वह जल्द ही डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और दक्षिण भारत के अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। केसीआर की तरह, केरल में कई वामपंथी नेताओं को लगता है कि ना तो कांग्रेस और ना ही भाजपा के पास केंद्र में अगली सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या होगी। अगली सरकार बनाने में क्षेत्रीय दलों की अहम भूमिका होगी। सीपीआई (एम) के सूत्रों ने बताया कि पांच दक्षिणी राज्यों में 123 लोकसभा सीटें हैं। ऐसे में राव जैसे क्षेत्रीय क्षत्रपों की इस पर नजर है।
लेकिन सबरीमाला मंदिर के विद्रोह के बाद, पार्टी को अपने गढ़ में काफी विरोध का सामना करना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर, 2018 के फैसले को लागू करने की कोशिश के बाद राज्य में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी थी। जिसका सबरीमाला ट्रस्ट विरोध कर रहा था। नाराज श्रद्धालुओं का मानना है कि, राज्य सरकार का नया हलफनामा महिलाओं के पक्ष में है। जिसमें भगवान अय्यप्पा के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को सही माना गया है। बता दें कि, केरल में 23 अप्रैल को हुए मतदान में राज्य की महिलाओं ने बड़ी संख्या में निकलकर वोटिंग की थी।
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