सबरीमाला: केरल के सीएम बोले- सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के फैसले पर नहीं लगाया स्टे
तिरुवनंतपुरम। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सबरीमाला मामले पर दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सात जजों की पीठ गठित करने को कहा है। इसके साथ ही आदेश किया है कि, तब तक सुप्रीम कोर्ट का 2018 वाला फैसला लागू रहेगा। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार को सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर अधिक स्पष्टता की आवश्यकता होगी।
उन्होंने यह भी कहा, हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह कुछ भी हो। उन्होंने कहा कि जब तक इस फैसले पर विस्तृत जानकारी नहीं मिल जाती तब तक 2018 का शीर्ष अदालत का फैसला बरकरार रहेगा। इस संबंध में विशेषज्ञों से राय ली जाएगी। विजयन ने कहा, 'क्या सात जजों की पीठ सबरीमाला मुद्दे में लैंगिंक समानता पर चर्चा करेगी? या फिर पीठ पूरे मामले की दोबारा से सुनवाई करेगी। हमें इस पर ज्यादा स्पष्टता चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को गुरुवार के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समझने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए फैसले में पुराने फैसले को पलटा नहीं गया है। इसका मतलब हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के 2018 में सुनाया गया फैसला लागू रहेगा और महिलाओं के मंदिर में जाने पर प्रतिबंध नहीं लगेगा। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, '2018 के सु्प्रीम कोर्ट के फैसले पर स्टे की मांग की गई थी, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। नए निर्णय के मुताबिक यथा स्थिति बनाए रखनी है।
गुरुवार को सबरीमाला केस में पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केस सात जजों की बेंच के पास भेज दिया है। बेंच ने यह फैसला 3:2 से किया। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि अंतिम फैसले तक उसका पिछला आदेश बरकरार रहेगा। अदालत ने 28 सितंबर 2018 को 4:1 के बहुमत से मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी। फैसले पर 56 पुनर्विचार समेत 65 याचिकाएं दायर की गई थीं। इन पर 6 फरवरी को अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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