ISRO Spy Case:केरल कैबिनट ने पूर्व वैज्ञानिक को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का किया ऐलान
तिरुवनंतपुरम। केरल कैबिनट ने इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नांबी नारायण को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया। सुप्रीम कोर्ट ने कथित जासूसी के आरोप में सुनाए गए फैसले में राज्य सरकार को नारायण को 50 लाख रुपए देना के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि बिना वजह के नांबी नारायण को गिरफ्तार करके प्रताड़ित किया गया। पीठ के आदेश दिया है कि, केरल सरकार को आठ सप्ताह के भीतर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक को मुआवजे की राशि का भुगतान करने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस डी के जैन की अगुवाई में एक कमेटी भी बनाई है। कमेटी इस बात की पड़ताल करेगी कि आखिर पुलिस वालों ने उन्हें किसके कहने पर फंसाया। आपको बता दें कि जासूसी कांड में नांबी नारायण को 1994 में गिरफ्तार किया गया था , हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में उन पर लगे सभी आरोपों को खत्म कर दिया था।
नंबी नारायण को जासूसी के एक मामले में अक्टूबर 1994 में गिरफ्तार किया गया था। मालदीव की एक महिला की गिरफ्तारी के बाद नंबी की गिरफ्तारी हुई थी। आरोप था कि उन्होंने इसरो के कुछ राज महिला को बता दिए थे। दो साल बाद 1996 में सीबीआई ने सभी मामले के सभी आरोपियों को आरोपमुक्त करते हुए मामले में को बंद कर दिया। 1998 में राज्य सरकार ने फिर मामले को खोलने की बात कही लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
नंबी नारायण ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अर्जी में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सिबी मैथ्यू ने ही इस जासूसी कांड की जांच की थी। नंबी नारायण ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि डीजीपी सिबी मैथ्यू और दो रिटायर्ड पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की कोई जरुरत नहीं है।
इसके बाद नंबी सुप्रीम कोर्ट गए। 1998 में सुप्रीम कोर्ट से मामले में आरोपमुक्त होने के बाद नंबी नारायण ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया और राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मार्च 2001 में नंबी नारायण को दस लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था।