निपाह वायरस को लेकर केरल में अलर्ट जारी, अब तक जा चुकी है 17 लोगों की जान
केरल सरकार ने निपाह वायरस के लिए सख्त संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों (DMO) को अलर्ट कर दिया है।
तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने निपाह वायरस के लिए सख्त संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों (DMO) को अलर्ट कर दिया है। एडिशनल डायरेक्टर (पब्लिक हेल्थ) डॉ. वी मीनाक्षी ने कहा कि सभी डीएमओ को चेतावनी दी है कि सभी सरकारी अस्पतालों को संक्रमण नियंत्रण प्रैक्टिस का सख्ती से पालन करना है। निपाह वायरस ने इस साल मई में कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में 17 लोगों की जान ले ली थी।
निपाह को लेकर अलर्ट सर्कुलर जारी करने वाले एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (स्वास्थ्य) राजीव सदानंदन ने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में कफ कॉर्नर भी होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'सांस संबंधी संक्रमण से जूझ रहे मरीज को मास्क देना जरूरी है और इसके लिए एक व्यक्ति को नियुक्त किया जाना चाहिए जो उन्हें मास्क के बारे में सभी जानकारी दे और उसे कैसे पहनना है ये बताए।'
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केरल सरकार के आंकड़ों के अनुसार निपाह वायरल से इस साल 17 लोगों की जान जा चुकी है। कोझिकोड और मलप्पुरम में निपाह वायरस के आतंक से 17 लोगों की जान चली गई थी। वहीं इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल ने बताया था कि राज्य में निपाह से 21 लोगों की जान गई है। आंकड़े अलग-अलग होने पर काफी विवाद भी हुआ था।
निपाह वायरस मनुष्यों के संक्रमित सुअर, चमगादड़ या अन्य संक्रमित जीवों से संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण बनता है। यह इंफेक्शन फ्रूट बैट्स के जरिए लोगों में फैलता है। इससे पीड़ित मनुष्य को इस इन्सेफलेटिक सिंड्रोम के रूप में तेज संक्रमण बुखार, सिरदर्द, मानसिक भ्रम, विचलन, कोमा और आखिर में मौत होने के लक्षण नजर आते हैं।
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