क्या है केरल में 15 करोड़ के गोल्ड की स्मगलिंग का मामला? जिसकी आंच मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची
नई दिल्ली। केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने 15 करोड़ रुपए के गोल्ड की तस्करी का भंडाफोड़ किया है। कस्टम विभाग ने शनिवार को 30 किलोग्राम गोल्ड के कंसाइनमेंट को पकड़ा है। अहम बात यह है कि यह गोल्ड कंसाइनमेंट डिप्लोमैटिक कंसाइनमेंट था और इसे यूएई के काउंसलेट भेजा जाना था। इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय पर भी संगीन आरोप लग रहे हैं, जिसके चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन बुरी तरह से घिर गए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। आइए जानते हैं क्या है यह पूरा मामला
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शनिवार को सामने आया स्मगलिंग का यह केस
तकरीबन 30 किलोग्राम गोल्ड जिसकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपए थी, शनिवार को केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर बरामद किया गया। यह गोल्ड पैकेज डिप्लोमैटिक कंसाइनमेंट था, जिसे यूएई के काउंसलेट भेजा जाना था। इस कंसाइनमेट को कस्टम विभाग के अधिकारियों ने पकड़ा था। इस मामले में यूएई काउंसलेट के पूर्व पब्लिक रिलेशन ऑफिसर सरिथ कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
स्वप्ना सुरेश का नाम सामने आया
कस्टम विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में एक अन्य महिला स्वप्ना सुरेश भी अहम आरोपी है, जिसकी तलाश की जा रही है। यह महिला यूएई काउंसलेट में पूर्व कर्मचारी भी रह चुकी है और मौजूदा समय में वह केरल सरकार के आईटी विभाग में मार्केटिंग अधिकारी थी, जिसे फिलहाल पद से हटा दिया गया है और वह फरार चल रही है।
यूएई के राजदूत का अहम बयान
वहीं इस पूरे मामले में यूएई काउंसलेट का नाम सामने आने के बाद यूएई के राजदूत ने कहा कि यूएई भारत के कस्टम अधिकारियों की इस मामले में पूरी तरह से मदद करने के लिए तैयार है। हम इस मामले की जांच पूरी तरह से सहयोग करेंगे और प्रशासन से अपील करते है कि जो भी इस गैर कानूनी काम में लिप्त है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यूएई के राजदूत ने कहा कि यूएई में भी प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है कि आखिर किसने यह कंसाइनमेंट यूएई के काउंसलेट के पते पर भेजा था। प्रशासन का यह मानना है कि दोषियों ने ना सिर्फ बड़ा अपराध किया है बल्कि भारत में यूएई के मिशन की छवि को भी धूमिल किया है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग की
विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को एक पत्र लिखा है और कहा है कि यूएई काउंसलेट को मिली डिप्लोमैटिक इम्युनिटी का गलत इस्तेमाल किया गया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को केरल सरकार ने नियुक्त किया था, उनके खिलाफ कई मामले थे, लेकिन केरल पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ जांच नहीं की, इससे साफ है कि उनका मुख्यमंत्री कार्यालय में अंदर तक पहुंच है।
एक्टिव हुई सीबीआई
हालांकि इस केस को अभी तक सीबीआई के सुपुर्द नहीं किया गया है लेकिन बावजूज इसके सीबीआई की टीम आज कोच्ची में कस्टम विभाग के आफिस में शुरुआती जांच के लिए पहुंची थी। भाजपा के प्रदेश मुखिया के सुरेंद्रन ने सबसे पहले इस मसले को उठाया था, उन्होंने इस पूरे मामले में सीएमओ पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सवाल उठाया है कि जब स्वप्ना सुरेश पर पहले से ही इतने केस थे, बावजूद इसके उन्हें अहम पद क्यों दिया गया। अगर केरल के मुख्यमंत्री के सचिव और स्वप्ना सुरेश के बीच कॉल रिकॉर्ड की जांच की जाए तो काफी कुछ साफ हो जाएगा। इस मामले में मुख्य सचिव का नाम सामने आने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ही पद से हटा दिया है।
मुख्यमंत्री ने दी सफाई
वहीं इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ा है। उन्होंने कहा कि सभी एयरपोर्ट केंद्र सरकार के तहत आते हैं। राज्य सरकार इसमे कुछ नहीं कर सकती है। इसके लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार जिम्मेदार है। आखिर तिरुवनंतपुरम गोल्ड स्मगलिंग का मामला कैसे राज्य सरकार से जुड़ा हो सकता है। यह पार्सल राज्य सरकार की किसी एजेंसी के लिए नहीं आया था, यह यूएई काउंसलेट के लिए आया था। अगर इसमे कोई लापरवाही हुई है तो इसके लिए राज्य सरकार कैसे जिम्मेदार है, राज्य सरकार की इसमे कोई भूमिका नहीं है।