Delhi Election 2020: केजरीवाल ने होशियारी से जो दांव खेला है क्या उनको दिल्ली चुनाव में इसका फायदा मिलेगा?
Pakistan Minister Chaudhary Fawad Hussain, in his tweet, stirred up the Delhi election battle.But by showing intelligence on this, Kejriwal has played such a claim against the BJP, whose benefit he is sure to get in the Delhi Delhi Assembly elections.केजरीवाल ने होशियारी से जो अब दांव खेला है
बेंगलुरु। दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटिंग की तारीख बिल्कुल नजदीक आ चुकी है अभी बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल ही रहा था कि पाकिस्तान के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने अपने ट्वीट से दिल्ली चुनाव की जंग में तड़का लग गया। लेकिन केजरीवाल ने इस पर होशियारी दिखाते हुए भाजपा के खिलाफ दांव खेल दिया है अब सवाल उठता है कि क्या इसका लाभ आम पार्टी को दिल्ली विधान चुनाव में मिलेगा?
बता दें पाकिस्तान के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की आलोचना करने वाले केजरीवाल का दिल्ली चुनाव के मद्देनजर लंबे समय से मोदी सरकार को लेकर तेवर बदला हुआ हें। ये वहीं केजरीवाल है जिनके सर्जिकल स्ट्राइक पर दिए गए जहरीलें भाषणों का पाकिस्तान मीडिया ने जमकर लाभ लिया था। लेकिन तब वो चुप थे लेकिन इस चुनाव में अब वो प्रधानमंत्री के दिखाए रास्ते पर चल कर उन्हीं को मात देने की फिराक में हैं। इसके लिए केजरीवाल ने पाकिस्तान के बड़बोले मंत्री चौधरी फवाद हुसैन के ट्वीट पर लिखे गए बयान को चुना।
पाकिस्तानी मंत्री ने ये उगला था जहर
दरअसल, पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने गुरुवार को फिर से अपने दिल का जहर ट्विटर पर उगला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अक्सर, अनर्गल लिखने वाले फवाद हुसैन ने 'अपील' की थी कि देश की जनता मोदी को 'हरा' दे। नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) की परेड के एक दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिये भाषण संबंधी एक खबर के ट्वीट पर हुसैन ने लिखा- 'भारत के लोगों को मोदी को हराना चाहिए। 8 फरवरी को होने वाले दिल्ली चुनाव के दबाव में वो वहां धमकी दे रहे हैं। कश्मीर, सीएए और गिर रही अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर आंतरिक और बाहरी दबाव झेल रहे मोदी संतुलन खो बैठे हैं।
केजरीवाल ने पाकिस्तान को दिया ये जवाब
फवाद हुसैन के ट्वीट पर किसी भाजपाई ने तो तवज्जो नहीं दी। लेकिन फवाद के इस ट्वीट पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर उन्हें जवाब दिया कि नरेंद्र मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री है। मेरे भी प्रधानमंत्री हैं। दिल्ली का चुनाव भारत का आंतरिक मसला है और हमें आतंकवाद के सबसे बड़े प्रायोजकों का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं। पाकिस्तान जितनी कोशिश कर ले, इस देश की एकता पर प्रहार नहीं कर सकता। लंबे समय से सीएए, एनआरसी, जेएनयू समेत अन्य मुद्दों पर शांत रहने वाले केजवरीवाल के पाकिस्तान के दिए गए इस जवाब ने न केवल भाजपा को अंचभित कर दिया बल्कि प्रधानमंत्री के प्रति उनका इतना सम्मान देना कही न कही दिल्ली के वोटरों के दिल में घर कर गया हैं।
केजरीवाल जवाब देकर साधा वोट बैंक
गौरतलब है कि दिल्ली चुनाव मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच ही है। दोनों ही पार्टियां चुनाव में अपनी ताकत झोक चुकी हैं। चुनाव के बीच जामिया और शाहीन बाग के में आम आदमी पार्टी नेताओं की भूमिका को लेकर माहौल बहुत गरमाया हुआ है। दोनों ही पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल ही रहा था लेकिन फवाद के ट्वीट ने नया मोड़ ला दिया। आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों के अलावा केजरीवाल को लगा कि कहीं वोटर इस ट्वीट को आम आदमी पार्टी के पक्ष में पाकिस्तान न समझ ले इसलिए हर मुद्दों पर चुप्पी साधे केजरीवाल ने जवाबी कार्रवाई कर अपना वोट बैंक मजबूत कर लिया।
केजरीवाल के पुराने साथी कुमार विश्वास ने ली कुछ यूं चुटकी
प्रधानमंत्री मोदी को 'अपना प्रधानमंत्री' कहने वाले ये वही केजरीवाल हैं जिन्होंने सीएम की कुर्सी संभालने के बाद पीएम मोदी को 'मनोरोगी' तक कह डाला था। केजरीवाल के इस बदलाव पर उनके पुराने साथी और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने जमकर चुटकी ली। उन्होंने केजरीवाल के ट्वीट पर इस अंदाज में टिप्पणी की - "चुनाव क्या न कराए. जब इसी पीएम को 'कायर-मनोरोगी' कह रह थे तब यह भेड़िया-धर्मी विनम्रता स्वराज में डाल रखी थी? जब सेना के शौर्य के सबूत माँग कर इसी पाकिस्तान में अपनी जयजयकार करवा रहे थे,सेना के शौर्य को मेरे प्रणाम वाले वीडियो पर अमानती-गुंडा छोड़ रहे थे,तब पीएम क्या टू जी गुप्ता थे?"
राहुल गांधी का हश्र देख चुके हैं केजरीवाल
उनकी इस प्रतिक्रिया पर उनके पुराने साथी या अन्य राजनीतिज्ञ क्या प्रतिक्रिया देकर कोई क्या कह रहा इससे केजरीवाल को अभी कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन उन्होंने फवाद के बयान पर जो भारत की ओर से बैटिंग की उससे कह सकते हैं कि पाकिस्तान के मंत्री को अपने प्रधानमंत्री की महिमा बताने वाले केजरीवाल ने एक बड़ा दाव खेला है। कहते हैं दूध का जला छांछ भी फूक-फूक कर पीता है केजरीवाल भी वही कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी का भी हश्र देखा है इसलिए वो सोच सोच कर कदम आगे बढ़ा रहे हैं। आम आदमी पार्टी का भविष्य क्या होगा इसका जवाब हमें वक़्त देगा. लेकिन जो वर्तमान है उसने ये बता दिया है कि केजरीवाल अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए अभी खूब होशियारी दिखा रहे हैं।
केजरीवाल ये रिस्क लेना नहीं चाहते
अब तक केजरीवाल पाकिस्तान के मामले में मोदी पर हमला करते आए थे, लेकिन जब पाकिस्तान ने दिल्ली चुनाव को लेकर मोदी पर हमला करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से आप के मन की बात की, तो केजरीवाल सतर्क हो गए। बता दें लोकसभा चुनाव से पहले पाकिस्तान ने कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी के बयानों का इस्तेमाल किया था, वह कांग्रेस के खिलाफ गया। केजरीवाल ये रिस्क लेना नहीं चाहते थे। केजरीवाल के पुराने बयानों का पाकिस्तान ने जैसा भी इस्तेमाल किया हो, उन्होंने उस पर अपत्ति नहीं जतायी लेकिन चुनाव के समय पाकिस्तान के मंत्री बयान से उन्हें जब अपना नुकसान होता लगा तो उन्होंने अपना विकेट बचाने के लिए जबरदस्त बैटिंग कर दी।
भाजपा के नेताओं को ये बयान भी दिला सकता है चुनाव में फायदा
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की चुनावी रैली में प्रवेश वर्मा का 'आतंकवादी' बताना पर ही बैकफायर करने लगा है। प्रवेश वर्मा ने अनुराग ठाकुर के साथ मिल कर बीजेपी को काफी मुश्किल में डाल दिया है। चुनाव आयोग ने भड़काऊ बयानबाजी के लिए प्रवेश वर्मा के चुनाव प्रचार पर 96 घंटे और अनुराग ठाकुर के चुनाव प्रचार पर 72 घंटे की पाबंदी लगा दी है। प्रवेश वर्मा ने अपने बयान पर सफाई में केजरीवाल को नक्सली कहने की बात तो मानी है, लेकिन आतंकवादी कहने से ये कहते हुए मुकर गये हैं कि उनकी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। भाजपा के नेताओं के इस बयान से भी केजरीवाल को फायदा मिलना निश्चित है।
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