क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

केजरीवाल की निराली वोट बैंक राजनीति ने बढ़ायी विरोधी दलों की मुसीबत

Google Oneindia News

बेंगलुरु। अगले वर्ष दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसकी तैयारी सभी पार्टियों ने भी से शुरु कर दी हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्‍ली के वर्तमान मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी दोबारा दिल्ली की सल्‍तनत हासिल करने का पक्का इरादा कर लिया हैं। दोबारा दिल्ली के मुख्‍यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए केजरीवाल ने चुनावों को लेकर कमर कस ली हैं। वो अपनी मंसूबे में कामयाब करने के लिए योजना बना चुके हैं और उस पर काम भी शुरु कर दिया है। वो वोट बैंक की राजनीति के लिए अपने निराले अंदाज में जुट चुके हैं।

kejriwal

आप सबको पता हैं जहां देश की अन्‍य राजनीतिक पार्टियां हिंदू मुसलमान को लेकर धर्म की राजनीति करती हैं वहीं उनसे इतर अरविंद केजरीवाल की पॉलिटिक्स विकास, भ्रष्‍टाचार समेत आम जन से जुड़ी समस्‍याओं जैसे तमाम मुद्दे पर ध्‍यान केन्द्रित कर वोट बैंक साधने का प्रयास करते आए हैं। वो जो राजनीति कर रहे हैं, वो कांग्रेस भाजपा जैसे उन तमाम दलों की नाक में दम किये हुए हैं। जो आगामी चुनावों में केजरीवाल के सामने हैं और केजरीवाल को कड़ी टक्कर देने का विचार कर रहे हैं केजरीवाल नित नए निर्णय लेकर उनके सामाने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी हैं।शिक्षा,पानी, बिजली, प्‍याज समेत अन्‍य चीजें जो इंसान की मूलभूत जरुरत हैं उन पर जनता के हक में समय समय पर फैसले लिए।

दिलचस्प बात ये है कि कुछ चीजों के मद्देनजर केजरीवाल ने उदाहरण सेट कर दिए हैं जिन्हें अगर वो केजरीवाल हार भी जाते हैं तो जीतने वाली पार्टियों को वह मापदंड को बनाकर रखना ही होगा। चुनाव में मुद्दे तो खूब होते हैं और उसके लिए वोट बैंक की पॉलिटिक्स बहुत जरूरी है। दिल्ली का माहौल है, इस बात को कहने में गुरेज नहीं किया जा सकता कि यहां मुद्दों की भरमार तो है ही। साथ ही यहां केजरीवाल के पास वोट बैंक पॉलिटिक्स करने का भरपूर मौका भी हैं। बहरहाल केजरीवाल ने जो कुछ भी दिल्ली और दिल्ली की जनता के लिए कर दिया है, वो उन दलों के लिए नजीर है। जो आने वाले समय में चुनावों के चलते केजरीवाल के मुकाबले में होगे और दिल्ली की जनता के सामने होंगे।

महिलाओं के लिए मेट्रो में मुफ्त यात्रा

चुनावों का माहौल बनते ही केजरीवाल सरकार द्वारा मेट्रो और बसों में महिलाओं की मुफ्त यात्रा की सुविधा दी। चूंकि महिलाओं की बस और मेट्रो यात्रा को फ्री करने के पीछे केजरीवाल ने महिला सुरक्षा का हवाला दिया था। इसलिए माना जा रहा है कि ये स्कीम भी आने वाले चुनावों में केजरीवाल को खूब फायदा पहुंचाएगी।

रेहड़ी-पटरी वालों को लाइसेंस बांटना

यह तो मानना पड़ेगा कि केजरीवाल की दूर दृष्टि आम नेताओं से तेज हैं। वह इस बात को खूब समझते हैं कि उनका असल वोटर है कौन ? और साथ ही वो उनसे चाहता क्या है? बात अगर दिल्ली के वोटर्स की हो तो रेहड़ी-पटरी दुकानदारों का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो अरविंद केजरीवाल को किसी रहनुमा की तरह देखता है। केजरीवाल ने इस भरोसे को और अधिक मजबूत करते हुए 2014 में बने स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट को लागू किया है। बता दें कि ये पहली बार हुआ है जब किसी राज्य ने इसे लागू किया है। इस एक्ट के अंतर्गत दिल्ली के रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को लाइसेंस दिया जाएगा। जिससे वसूली पर रोक लगेगी। साथ ही इस एक्ट में इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि, आम नागरिकों कि सुविधाओं और ट्रैफिक पर इन रेहड़ी-पटरी दुकानदारों का कोई असर न पड़े। केजरीवाल सरकार की इस पहल को राजनितिक विशेषज्ञों द्वारा एक बड़ी पहल माना जा रहा है और कहा तो यहां तक जा रहा है कि अगर आने वाले समय में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है और केजरीवाल दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो इसमें रेहड़ी-पटरी दुकानदारों का बड़ा योगदान होगा।

फ्री पानी

पानी के बिना जीवन ही नहीं हैं। आमजनता को हर साला हजारों रूपये वाटर टैक्‍स के रुप में भरने पड़ते हैं। पिछले अगस्‍त में केजरीवाल ने दिल्ली वालों का पानी फ्री करने की घोषणा की थी। इस स्कीम के अंतर्गत दिल्ली सरकार ने पानी के बकाया बिलों को माफ कर दिया था। बताया गया था कि इस स्कीम का लाभ उन्हें मिलेगा, जिनके घरों में फंक्शनल मीटर हैं। केजरीवाल सरकार ने ये भी घोषणा की कि जिन उपभोक्ताओं ने 30 नवंबर 2018 से पहले मीटर लगवाएं हैं उन्हें ही इस योजना से लाभ दिया जाएगा। साथ ही जिन उपभोगताओं के घर में फंक्शनल मीटर हैं उन सभी की लेट फीस भी माफ कर दी जाएगी। केजरीवाल सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले की जितनी भी आलोचना हो मगर राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना यही है कि इस छोटी सी स्कीम से दिल्ली के मुख्यमंत्री को चुनावों में बड़ा फायदा मिल सकता है। दिल्ली में पीने का साफ़ पानी जैसे लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत है कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बिलकुल सही समय पर एक सही दाव खेला और जिसमें वो कामयाब रहे।

electi.

मुफ्त बिजली

बिजली भी सभी इंसान के जीवन की मूलभूत सुविधाओं में से एक हैं। बिना बिजली के जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। ये कहना हमारे लिए बिलकुल भी गलत नहीं है कि बिजली को लेकर जो कुछ भी केजरीवाल सरकार ने किया है उसकी तारीफ विपक्ष तक करता है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त कर दी है। यानी जिसका बिल 200 यूनिट के अन्दर आएगा उसे उसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। अब भले ही अपने इस ऑफर के बाद खुद दिल्ली सरकार की रीढ़ टूट चुकी हो। राज्य सरकार भारी नुकसान में ओ मगर वो अपने उस वोटर को रिझाने में कामयाब हुई है जो अब तक बिजली के बढ़े हुए बिल की मार सक रहा था। बिजली को इस तरह फ्री किये जाने पर जब सरकार की आलोचना हुई तो अपना पक्ष रखकर उसने उन लोगों की बोलती बंद करने का प्रयास किया जिन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा की गई इस घोषणा के बाद दिल्ली में बिजली को एक बड़ा मुद्दा बना दिया था।

स्‍कूलों में सुधार

केजरीवाल के कार्यकाल में दिल्ली के स्कूल हैं और उनमें जिस तरह का सुधार हुआ है वो अन्य राज्यों के लिए मिसाल हैं। केजरीवाल सरकार ने जो कुछ भी शिक्षा के लिए किया है उसने भाजपा को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आश्चर्यजनक रूप से सुधार देखने को मिला है। इसके अलावा जो कुछ भी केजरीवाल ने प्राइवेट स्कूलों की फीस के लिए किया उसने भी काफी हद तक उनका वोट उस वर्ग के बीच मजबूत कर दिया है जिनकी कमर बच्चों की भारी भरकम फ़ीस ने तोड़ कर रख दी थी।

Comments
English summary
The decision taken by the Chief Minister of Delhi recently in the interest of common man, including electricity, water, education, has become a Nazirite. These decisions of opposing parties in the 2020 Delhi Legislative Assembly elections have made the way difficult.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X