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केजरीवाल सरकार ने1950 जमातियों के फोन नंबर साझा कर पुलिस से मांगी ये अहम जानकारी

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नई दिल्ली। देश में 21 दिनों के लॉकडाउन के बावजूद कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्‍या में पिछले एक सप्‍ताह में तेजी से बढ़ोत्‍तरी हुई हैं। भारत में पिछले दिनों देश भर में पाए गए पॉजिटिव केसों में अधिकाश मरीज तबलीमी जमात से जुड़े हैं। देशभर में तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों से फैले रहे खतरनाक कोरोना वायरस के चलते जहां केन्द्र और अलग-अलग राज्य सरकारों ने सख्ती दिखाई है और इन्हें तलाश कर क्वारंटाइन किया जा रहा है, तो वहीं दिल्ली सरकार ने पुलिस को तब्लीगी जमात से जुड़े 1950 लोगों के फोन नंबर साक्षा किए हैं और उनके बारे में अहम जानकारी मांगी हैं।

केजरीवाल सरकार ने मांगी है ये जानकारी

केजरीवाल सरकार ने मांगी है ये जानकारी

बता दें ये इन सभी लोगों के मोबाइल नंबर हैं जिन्‍हें निजामुद्दीन मरकज में कोरोना वायरस फैलने के बाद वहां से हटाया गया था। दिल्‍ली सरकार ने ये नंबर साक्षा करते हुए उन जगहों का पता लगाने के लिए कहा है जहाँ ये लोग 25 मार्च से पहले मिलने गए थे। केजरीवाल सरकार ने उन लोगों की पहचान करने के साथ ही उनका विवरण साक्षा करने के लिए कहा हैं। बता दें दिल्ली सरकार ने पहले भी पुलिस के साथ 27,302 फोन नंबर साझा किए थे और विवरण मांगा था, हालांकि दिल्ली सरकार ने बताया है कि अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली हैं।

तबलीगी जमात की गलती से कमजोर कर दी कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग

गौरतलब हैं कि अन्य तमाम देशों की तुलना में भारत में बहुत समय रहते सतर्कता बरतते हुए देशव्यापी लॉकडाउन का एलान कर दिया गया था। इस लॉकडाउन के दम पर देश ने कोरोना के विरुद्ध युद्ध में अपनी स्थिति को काफी मजबूत भी कर लिया था। लेकिन इस पूरी कोशिश को तब्लीगी जमात ने अपनी गलती से कमजोर कर दिया। आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि अगर तब्लीगी जमात से जुड़े संक्रमण के मामले नहीं आए होते तो देश में कुल मामले बढ़ने की रफ्तार आधी होती। हालांकि राहत की बात है कि अब भी तब्लीगी मरीजों को हटाकर देखा जाए तो स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है।

तबलीगी जमात से बढ़ गए कोरोना पॉजिटिव के केस

तबलीगी जमात से बढ़ गए कोरोना पॉजिटिव के केस

स्वास्थ्य मंत्रालय को देश में हालात काबू में रहने की पूरी उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार भारत में इस समय कोरोना के मरीजों की कुल संख्या को दोगुना होने में 4.1 दिन का समय लग रहा है। यदि तब्लीगी जमात के मरीजों को इसमें से हटा दिया जाए तो यह रफ्तार अब भी आधी है। तब्लीगी जमात से इतर मरीजों की संख्या को दोगुनी होने में अभी 7.4 दिन का वक्त लग रहा है। ध्यान देने की बात है कि देश में कोरोना मरीजों की कुल संख्या में एक तिहाई अकेले तब्लीगी जमात से जुड़े हैं।

तलाश में मोबाइल बना मददगार

तलाश में मोबाइल बना मददगार

मालूम हो कि निजामुद्दीन मरकज से निकले अधिकतर जमातियों को तलाश कर तीन दिन के भीतर क्वारंटीन सेंटर तक पहुंचा देना इतना आसान नहीं था। कोई भी जमाती खुद से पुलिस तक, सिविल अस्पताल या क्वारंटीन सेंटर नहीं पहुंचा। हर एक जमाती को उसके ठिकाने से खोज कर क्वारंटीन में भेजा गया है। निजामुद्दीन मरकज को खाली कराने की कार्रवाई से जुड़े दिल्ली पुलिस के एक बड़े अफसर का कहना है कि इस मामले में हमने मोबाइल फोन की बखूबी मदद ली है। केवल दिल्ली पुलिस ने ही नहीं, बल्कि जिन राज्यों में ये लोग पहुंचे थे, वहां की पुलिस को भी इनके मोबाइल फोन नंबर मुहैया करा दिए गए थे। विभिन्न राज्यों की पुलिस ने इनके फोन को सर्विलांस पर लगाया। इनमें 70 फीसदी फोन चालू थे। यहीं से पुलिस को ऐसा रास्ता मिला कि मरकज से गए जमाती एक-एक कर क्वारंटीन सेंटर में आने लगे। कई जगह पर तो ऐसा भी हुआ कि जमाती पहुंचा नहीं था, लेकिन पुलिस वहां पहले से मौजूद थी।

72 घंटे में सारे जमातियों को क्वारंटीन करने का था दबाव

72 घंटे में सारे जमातियों को क्वारंटीन करने का था दबाव

बता दें निजामुद्दीन मरकज का मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार और दूसरे कई राज्यों की नींद उड़ चुकी थी। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्यसचिवों व पुलिस महानिदेशकों से बातचीत कर उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी सूरत में 72 घंटे में सभी जमातियों को क्वारंटीन सेंटर में भेजना सुनिश्चित करें। इसके बाद सबसे बड़ी जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस पर आ गई। इसमें दिल्ली पुलिस, क्राइम ब्रांच, इंटेलिजेंस यूनिट और स्पेशल सेल को काम पर लगाया गया। जमातियों की बड़ी तादाद मरकज से देश के विभिन्न हिस्सों में जा चुकी थी।

अपील के बावजूद जमाती सामने नही आए

अपील के बावजूद जमाती सामने नही आए

केंद्र और राज्य सरकार के अलावा धार्मिक संगठनों के लोगों ने भी जमातियों से अपील की थी कि वे सामने आएं। इस अपील का असर कहीं भी देखने को नहीं मिला। इसके बाद 72 घंटे का समय था और पुलिस के पास बहुत से लोगों का पता भी नहीं था। पुलिस के पास केवल यह जानकारी थी कि फलां राज्य में इतने जमाती पहुंचे हैं। यह सब जानकारी जुटाकर दिल्ली पुलिस ने दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ कुछ जानकारी साझा की। जिसके बाद प्रत्येक राज्य में जमातियों को ट्रेस किया जा सका ।

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English summary
Kejriwal government shared important information from police by sharing phone numbers of 1950 Tablighi Jamaati
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