केजरीवाल सरकार का दिल्ली पर मंहगाई का वज्रपात
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) दिल्ली की जनता को मंहगाई की मार से बचाने का आश्वासन दे कर सत्तासीन हुए केजरीवाल सरकार ने तेल में वेट बढा दिया। वेट बढाने से दिल्ली में पहले से अधिक मंहगा तेल और अन्य चीजें हो गई हैं। इससे मंहगाई बढ़ेगी। जो चुनावी वायदे के खिलाफ है। जनता के हितों पर कुठाराघात है।
अगर राजकोष में खर्चे की कमी थी तो युद्धस्तर पर मुफ्त का माल समझ कर अपने प्रचार पर दिल्ली के विकास का 500 करोड़ से अधिक रूपये पानी की तरह बहाने में जरा सी लज्जा तो आनी चाहिए थी। क्योंकि प्रचार जरूरी है पर अंध प्रचार व कोष खाली करके नहीं।
महंगाई की मार
वरिष्ठ पत्रकार देवसिंह रावत कहते हैं कि दिल्ली में मंहगाई की मार से पहले ही बेहाल हुआ आम आदमी केजरीवाल के मंहगाई से निजात दिलाने के आश्वासन पर पलटते देख कर हैरान है कि किस निर्ममता से केजरीवाल सरकार ने तेल पर वेट की बढोतरी व विकास के करोड़ों रूपये को प्रचार में बर्बाद करके किया दिल्ली पर मंहगाई का वज्रपात।
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केजरीवाल को अगर आम गरीब आदमी व दिल्ली के विकास की चिंता होती तो इतने पैसे से दिल्ली के सभी अनाथ बच्चों को शिक्षा आदि की व्यवस्था हो सकती थी। हजारों गरीब आदमियों का इलाज कराया जा सकता था।
केजरीवाल व साथियों को इस बात का गांठ बांध लेनी चाहिए कि जनता ऐसे हवाई प्रचारों की असलियत जानती है। काम करना चाहिए न की मात्र प्रचार। काम खुद अपना बखान करता है।
करते बचाव
केजरीवाल समर्थक जनता पर मंहगाई के वज्रपात का बचाव कर रहे है। पर दिल्ली की आम गरीब जनता का साफ कहना है कि भाजपा ने क्या किया या कांग्रेस ने क्या किया।
दूसरों ने गलती की है तो इसलिए किसी तीसरे को गलती करने का कोई प्रमाण नहीं मिल जाता। जब लोग भाजपा व कांग्रेस से नाराज थे इसीलिए लोगों ने आप को दिल्ली में सत्तासीन किया था मंहगाई व कुशासन दूर करने के लिए।