होम क्वारंटाइन खत्म करने वाले फैसले के विरोध में उतरे CM केजरीवाल, पूछा- कहां से आएंगे स्वास्थ्यकर्मी
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 50 हजार के पार पहुंच गई है। हाल ही में दिल्ली सरकार ने हल्के और बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को घर पर क्वारंटाइन करने का निर्णय लिया था। जिसके बाद शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सरकार के आदेश को पलट दिया। साथ ही कोरोना मरीजों के लिए 5 दिन का इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया। जिसका अब दिल्ली सरकार विरोध कर रही है। साथ ही शनिवार को हुई स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (SDMA) की बैठक में भी ये मुद्दा उठाया गया है।
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सूत्रों के मुताबिक बैठक में सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल के क्वारंटाइन वाले फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब ICMR ने हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर क्वारंटाइन करने की इजाजत दे दी है, तो दिल्ली में अलग-अलग नियम क्यों लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले से ही दिल्ली में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है। ऐसे में 5 दिन के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के अनिवार्य होने पर हालात और बुरे हो जाएंगे। साथ ही पूछा कि क्वारंटाइन सेंटर्स में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की व्यवस्था कहां से की जाएगी। सीएम केजरीवाल के मुताबिक रेलवे ने आइसोलेशन कोच मुहैया तो करवा दिए हैं, लेकिन गर्मी की वजह से वहां पर काम नहीं हो पा रहा है।
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वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के कोरोना संक्रमित होने के बाद मनीष सिसोदिया ने मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल ली है। मामले में मनीष सिसोदिया ने कहा कि बैठक में क्वारंटाइन और प्राइवेट अस्पतालों के बेडों के रेट का मुद्दा उठाया गया। दोनों ही मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है। होम क्वारंटाइन खत्म करने पर दिल्ली में समस्याएं और बढ़ेंगी। शनिवार शाम 5 बजे बैठक दोबारा से होगी। इस दौरान भी वे ये मुद्दा उठाएंगे।