FREEBIES: मुफ्त घोषणाओं से पूर्वांचलियों को दिए घावों को भर पाएंगे केजरीवाल?
बेंगलुरू। दिल्ली की सत्ता में दोबारा वापसी की जुगत में जुटे दिल्ली के मुख्यमंत्री रोज कोई न कोई घोषणा लगातार कर रहे हैं। दिल्ली सरकार की योजनाओं में मुफ्त योजनाओं और घोषणाओं की भरमार है, लेकिन पूर्वांचिलयों के खिलाफ किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीलाल के बयान बाण सीधे पूर्वांचलियों के दिल में लगे हैं, जो केजरीवाल के लिए अब दिल्ली दूर है के संकेत दे रहे हैं।
केजरीवाल ने पूर्वांचलियों खासकर बिहार के लोगों के खिलाफ बयान बाण का इस्तेमाल किया था, जिसे बिहार अस्मिता से जोड़ दिया गया और बिहार के लिए अपमान बताया गया। हालांकि केजरीवाल ने बाद में अपने बयान को लेकर सफाई दी, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल के बयानों की आलोचना करते हुए उनके बयान को बिहार की अस्मिता से जोड़ते हुए कहा था कि एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पूर्वांचलियों के खिलाफ घृणा का भाव दिखाया है। मनोज तिवारी ने दूसरी बार इसलिए कहा, क्योंकि केजरीवाल ने एनआरसी के मुद्दे पर दिए एक बयान में मनोज तिवारी पर छीटाकंसी करते हुए कहा था कि अगर दिल्ली में एनआरसी लागू हुआ तो सबसे पहले दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष को दिल्ली से जाना होगा। दिलचस्प बात यह है कि अरविंद केजरीवाल खुद हरियाणा से आते हैं और निवास गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में करते हैं।
मनोज यहीं नही रूके, उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार किसी दूसरे प्रांत के लोगों को इलाज दे रही है तो केजरीवाल को दुख हो रहा है। केजरीवाल के बयान को पूर्वांचलियों के खिलाफ घृणा से जोड़ते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि पहले एनआरसी और दिल्ली में बाढ़ के समय केजरीवाल का ऐसा बयान उनकी पूर्वांचलियों के खिलाफ दुर्भावना को प्रदर्शित करता है। दरअसल, मनोज तिवारी ऐसा कह कर पूर्वांचलियों को केजरीवाल की पार्टी से दूर करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि केजरीवाल का बयान दुर्भाग्यपूर्ण था।
उल्लेखनीय है दिल्ली में करीब 35 फीसदी आबादी पूर्वांचलियों की है, इसमें बिहार और पूर्वी यूपी से आकर दिल्ली में बसे लोग शामिल हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष तिवारी अच्छी तरह से जानते हैं कि वर्ष 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीलाल की प्रचंड जीत के नायक पूर्वांचली लोग ही थे।
केजरीवाल के विवादास्पद बयान से पूर्वांचलियों खासकर बिहार से जुड़े लोगों ने खुद को अपमानित महसूस किया है। केजरीवाल का यह कहना कि बिहार से लोग 500 रुपए लेकर आते हैं और दिल्ली से 5 लाख का इलाज करवा कर चले जाते हैं, सबसे अधिक चोट करती है। अगर बीजेपी ने केजरीवाल के उक्त विवादित बयान को चुनावी मुद्दा बना लिया तो केजरीवाल के दिल्ली सचमुच दूर हो जाएगी।
इसकी बानगी यह है कि केजरीवाल के विवादास्पद बयान की गूंज बिहार की राजनीति में भी गूंजायमान है। यही नहीं, केजरीवाल के बयान बिहार की अस्मिता से जोड़ते हुए मुजफ्फरपुर ने केजरीवाल के खिलाफ ए परिवाद भी दायर किया गया है, जिसमें केजरीवाल पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बिहारियों को अपमानित करने के लिए उक्त बयान दिया है। इस परिवाद में केजरीवाल ने उस बयान को रखा गया है जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि दिल्ली में एनआरसी लागू होने पर सबसे पहले दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी को दिल्ली छोड़ना होगा।
मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में दायर परिवाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दो बयानों पर आपत्ति जताई गई है। हालांकि कई लोगों का कहना है कि केजरीवाल ने अपने उक्त बयान से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आईना दिखाया है, क्योंकि इस सच्चाई से मुंह नहीं फेरा जा सकता है कि बिहार के लोगों को सरकार की तरफ से अच्छे स्वास्थ्य का लाभ नहीं मिलता है, जहां सरकारी अस्पतालों की स्थिति बेहद दयनीय है। इसलिए छोटे से छोटे और बड़े से बड़े बीमारी को लेकर बिहारी दिल्ली का रुख करना पड़ता है।
#WATCH Delhi CM: One person from Bihar buys a ticket to Delhi for Rs 500, returns after availing free treatment worth Rs 5 lakhs. While it makes us happy as they are people of our own country, but Delhi has its own capacity. How can Delhi serve people of entire country? (29.09) pic.twitter.com/qW1hvryPnK
— ANI (@ANI) September 30, 2019
केजरीवाल की बयानों की भर्त्सना करते हुए जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि वो बिहार और यूपी वालों की वजह से चुनाव जीते थे, लेकिन आज उन्हीं को अपमानित कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजधानी सिर्फ़ आम आदमी पार्टी की ही नहीं है, यहां लोग देश के हर कोने से इलाज के लिए आते हैं।
बकौल केसी त्यागी, दिल्ली में सरकारी हॉस्पिटल कम हो सकते हैं, मैं ज्यादा हॉस्पिटल बनाने की वकालत करता हूं, जिससे निजी हॉस्पिटलों में होने वाली लूट बंद हो, लेकिन इलाज के लिए आ रहे लोगों के खिलाए ऐसी टिप्पणी ठीक नहीं है, जिस पर सफाई देने के लिए केजरीवाल को सामने आना पड़ा, क्योंकि केजरीवाल अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर यह मुद्दा राजनीतिक हो गया तो आम आदमी पार्टी की नैया दिल्ली में डूबने से कोई नहीं रोक सकता है।
बकौल केजरीवाल, 'दिल्ली में इलाज कराने या शिक्षा के लिए किसी को मना नहीं किया गया है। दिल्ली में दूर-दूर से लोग इलाज कराने आते हैं, हमारी पार्टी नई राजनीति कर रही है। अगर हम सेवा कर पाएं तो खुशी होती है। हमारी इच्छा है कि देशभर में दिल्ली की तरह शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव हो।'
केजरीवाल के बयान पर चुटकी लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व दिल्ली बीजेपी के बड़े नात विजय गोयल ने सवालिया अंदाज में केजरीवाल से पूछा कि क्या बांग्लादेशी और रोहिंग्या ही दिल्ली में रह सकते हैं और अपना इलाज करा सकते हैं? बिहार, उत्तर प्रदेश हो या फिर पूर्वांचली लोग केजरीवाल के लिए बाहरी हैं?
विजय गोयल यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि केजरीवाल खुद गाजियाबाद से हैं और दिल्ली आए हैं, वह अपना इलाज कराने बेंगलुरु क्यों जाते हैं। विजय गोयल ने आगे कहा कि केजरीवाल को NRC को लेकर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी नजर में बाहरी कौन है?
ऐसा अटकले हैं कि बीजेपी प्रदेश संगठन केजरीवाल को पूर्वांचलियों के खिलाफ दिए गए बयान को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में चुनावी मुद्दा की पूरी तैयारी में हैं। अगर यह चुनावी मुद्दा बनता है तो केजरीवाल एंड पार्टी की दिल्ली की भी गद्दी छिन सकती है, क्योंकि केजरीवाल के ताने सीधे खासकर बिहार से आकर दिल्ली बसे लोगों के सीधे दिल में चुभे हैं और थोड़ी सी हवा पाकर यह मुद्दा आम आदमी पार्टी की बाजी को पलट सकती है।
हालांकि लोकसभा चुनाव 2019, हरियाणा विधानासभा चुनाव 2019 में केजरीवाल पार्टी की दुर्गति किसी से छिपी नहीं है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में केजरीवाल ने तीन दर्जन से अधिक उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी उम्मीदवार जमानत बचाने में कामयाब नहीं हो सका। हरियाणा में केजरीवाल की पार्टी को लोगों ने नोटा से भी कम वोट दिए।
अनुमान लगाया जा सकता है कि केजरीवाल को दिल्ली के पूर्वांचलियों के भावनाओं और अस्मितताओ से खेलने का कितना बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है। एक रिपोर्ट मुताबिक पिछले कुछ सालों में दिल्ली में पूर्वांचली लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जहां लोग रोजगार की तलाश में आ रहे हैं और उनमें से बहुत से लोग यहीं बस जा रहे हैं, जिससे दिल्ली में अस्थायी तौर पर पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है।
हालांकि अब भी एक बड़ी संख्या ऐसे पूर्वांचलियों की है जो दिल्ली के मतदाता नहीं है और 2020 से पहले पूर्वांचल के सभी लोग दिल्ली में मतदाता पहचान पत्र गए तो दिल्ली की राजनीतिक दिशा और दशा का निर्धारण करने में पूर्वांचलियों की हिस्सेदारी और बढ़ जाएगी।
उल्लेखनीय है पहले दिल्ली की राजनीति में पूर्वांचलियों मतदाताओ की संख्या न के बराबर थी, जहां हरियाणा और पंजाब से आए लोगों की संख्या अधिक थी और वहीं दिल्ली की राजनीतिक की दिशा तय करते थे, लेकिन पूर्वांचलियों की संख्या में धीरे-धीरे हुई वृद्धि से अब दिल्ली की राजनीति में पंजाब और हरियाणा की धमक घट गई है और पूर्वांचल की धमक तेजी से बढ़ती जा रही है।
यही कारण था कि भाजपा ने अपना प्रदेश अध्यक्ष एक पूर्वांचली मनोज तिवारी को बनाया। यही नहीं, दिल्ली में जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने ज्यादा से ज्यादा संख्या में पूर्वांचलियों को अपना उम्मीदवार बनाया। हलचल है कि कांग्रेस ने भी पंजाबी और हरियाणवी को छोड़ अपना अगला प्रदेश अध्यक्ष पूर्वाचंली कीर्ति आजाद को बनाने का निर्णय लिया है।
ऐसे में केजरीवाल का पूर्वांचलियों को गाली देना राजनीतिक अपरिपक्वता को ही दर्शाता है, जिसका खामियाजा पार्टी को आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है, क्योंकि केजरीवाल भी अच्छी तरह से जानते हैं कि दिल्ली की सत्ता में पहुंचने के लिए कुंजी पूर्वांचलियों को घर से ही मिलेगी। वर्ष 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की प्रचंड जीत के नामक भी पूर्वांचली वोटर्स थे।
यही वजह थी कि जब आम आदमी पार्टी पहली बार दिल्ली निगम चुनाव में उतरने जा रही थी तो उन्होंने निगम चुनावों में पूर्वांचली उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला लिया था। यह अलग बात है कि दिल्ली नगर निगम में केजरीवाल की दाल नहीं गली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में कितनी गलेगी यह भविष्य के गर्भ में हैं।
यह भी पढ़ें- दिल्ली: महिलाओं को सीएम केजरीवाल का तोहफा, DTC और क्लस्टर बसों में सफर हुआ फ्री
अरविन्द केजरीवाल द्वारा ये कहना कि बिहार के लोग 500 रूपए का टिकट लेकर दिल्ली आते हैं और फ्री में इलाज करा के चले जाते हैं उनकी पूर्वांचल के प्रति नफ़रत को साफ़ दर्शाता है। कभी NRC के मुद्दे पर और अब इस तरह का अमानवीय बयान। जनता माफ नहीं करेगी - श्री @ManojTiwariMP pic.twitter.com/AoJLtvmHKb
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) September 30, 2019