KBC KARAMVEER: 'जाते-जाते हेल्दी ऑर्गन छोड़कर गया', अंगदान को बढ़ावा देते नजर आएंगे रितेश देशमुख
KBC KARAMVEER: 'जाते-जाते हेल्दी ऑर्गन छोड़कर गया, अंगदान को बढ़ावा देते नजर आएंगे रितेश देशमुख
मुंबई। कौन बनेगा करोड़पति (Kaun Banega Crorepati) केबीसी के 12 वें सीजन ने पिछले हफ्ते न केवल शानदार वापसी की, बल्कि एक बार फिर एक ऐसा मंच साबित हो रहा है जो लोगों को बहुत सी सीख और प्रेरणा दे रहा है। प्रतियोगियों से लेकर केबीसी करमवीर तक इतने खास हैं जिनकी बौद्धिक क्षमता और जिंदगी में कभी हार न मानने का जज्बा सभी को बड़ी प्रेरणा दे रहा है। वहीं इस शुक्रवार को, केबीसी करमवीर (KBC KARAMVEER) के विशेष एपिसोड में, मोहन फाउंडेशन के संस्थापक और प्रबंध ट्रस्टी डाक्टर सुनील श्रॉफ का सदी के महानायक अमिताभ बच्चन गर्मजोशी से स्वागत करेंगे और हॉट सीट पर उनके साथ अभिनेता रितेश देशमुख होंगे।
बता दें 1997 में शुरू हुआ, MOHAN (मल्टी ऑर्गन हार्वेस्टिंग एड नेटवर्क) फाउंडेशन मृतकों के अंग दान के क्षेत्र में एक अग्रणी एनजीओ है और पिछले दो दशकों से अंग दान के लिए जागरूकता फैलाने की दिशा में काम कर रहा है। बता दें हॉट सीट पर डाक्टर सुनील श्रॉफ का साथ देने वाले एक्टर रितेश देशमुख ने हाल ही में अपनी पत्नी जेनेलिया देशमुख के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने अंग दान करने का संकल्प लिया था साथ में डॉ। श्रॉफ और रितेश केबीसी के करमवीर एपिसोड पर ऑर्गन डोनेशन के लिए प्रेरित करते दिखेंगे, जिनकी प्रेरणा जरूरत में किसी के लिए जीवन का उपहार साबित हो सकता है।
रितेश
ने
बताया
उन्होंने
कब
लिया
ये
फैसला
रितेश
देशमुख
ने
डॉ
श्रॉफ
का
समर्थन
करते
हुए
केबीसी
में
अपने
विचारों
को
साझा
किया,
जिससे
उन्होंने
अंग
दान
का
इतना
बड़ा
निर्णय
लिया।
रितेश
ने
कहा,
"हम
(जेनेलिया
और
रितेश)
कुछ
सालों
से
इस
(ऑर्गन
डोनेशन)
के
बारे
में
सोच
रहे
हैं।
इस
लॉकडाउन
के
दौरान,
हमें
यह
सोचने
के
लिए
बहुत
समय
मिला
कि
हमें
क्या
करना
चाहिए।
सौभाग्य
से
हमारे
पास
अंग
दान
पर
बहुत
सारी
जानकारी
है
जैसे
कि
प्रक्रिया
के
बारे
में
कहां
जाना
है
और
कैसे
जाना
है।
एक
दिन
हम
दोनों
ने
एक
वीडियो
बनाने
का
फैसला
किया
और
कहा
कि
हम
वहाँ
जाना
चाहते
हैं
और
जो
भी
संभव
हो
दान
करना
चाहते
हैं।
"जाते-जाते हेल्दी ऑरगन दे कर गया"
रितेश देशमुख ने आगे कहा कि हम अक्सर afterlife या punar janam... के बारे में बोलते हैं, लेकिन क्या यही जन्म किसी की आंखे या दिल बन के जीवित रह सकता हैं ? क्यों नहीं? जब मैं बैकस्टेज था, मैंने जीवन दान ही सब से बड़ा है में सुना था और अगर आप अपनी मृत्यु के बाद भी किसी की मदद कर सकते हैं, तो इससे बड़ा कुछ नहीं है। "अभिनेता ने आगे कहा, "मैंने मांसाहारी भोजन, ब्लैक कॉफ़ी और aerated drinks का छोड़ दिया है। मैं अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहता हूं और आखिरकार, जब मेरे अंगों को दान करने का समय आता है, तो लोगों को कहना चाहिए, "जाते-जाते हेल्दी ऑरगन दे कर गया"! रितेश के इन शब्दों की केबीसी के होस्ट अमिताभ बच्चन और संस्था के डॉ श्रॉफ दोनों की प्रशंसा की और रितेश ने दर्शकों की भी खुश कर दिया।
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