KBC में 5 करोड़ जीतने के बाद शुरू हुआ सुशील कुमार के जीवन का सबसे बुरा समय, जानिए दुखभरी दास्तां
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए एक बार फिर टेलीविजन के मशहूर शो कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) की शूटिंग शुरू हो गई है। जब भी केबीसी का जिक्र होता है तो सीजन पांच के विनर सुशील कुमार की बात ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता। पेशे से कंप्यूटर टीचर रहे सुशील कुमार ने सभी सवालों का सही जवाब देते हुए 5 करोड़ रुपए अपने नाम किए थे। लेकिन हाल ही में सुशील ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया कि केबीसी-5 का विजेता बनने के बाद उनकी जिंदगी का सबसे बुरा दौर शुरू हो गया।
पांच करोड़ जीतने के बाद शुरू हुआ बुरा दौर
सुशील कुमार ने केबीसी में पांच करोड़ जीतने के बाद जिंदगी के सबसे डरावने अनुभव का जिक्र अपने सोशल मीडिया हैंडल पर किया है। उन्होंने बताया कि कैसे उस शो से जीतकर आने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई और बुरा दौर शुरू हो गया। सुशील ने बताया कि इस दौरान वह कुछ बुरी संगत में फंस गए और काफी पैसा डुबा दिया। उन्हें शराब और सिगरेट के नशे ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था, इस बीच उन्होंने जिंदगी को काफी बर्बाद किया।
साल 2015 के बाद का समय सबसे चुनौती पूर्ण
सुशील कुमार ने लिखा, 'साल 2015-16 मेरी लाइफ का सबसे चुनौती पूर्ण समय था, इस बीच मुझे कुछ नहीं सूझ रहा था। लोकल सिलेब्रिटी होने की वजह से हर 10 से 15 दिन में मुझे अलग-अलग कार्यक्रमों में बुलाया जाता था, इस बीच बढ़ाई-लिखाई से भी दूरी हो गई। उस समय मैं मीडिया को लेकर काफी गंभीर रहा करता था, उन्हें ये ना लगे कि मैं खाली बैठा हूं इसलिए बिना अनुभव के ही अलग-अलग बिजनेस में पैसे फंसा देता था। जिसका परिणाम ये होता था कि वह बिज़नस कुछ दिन बाद डूब जाता था।'
लोगों ने खूब ठगा
सुशील कुमार बताते हैं कि केबीसी जीतने के बाद वह काफी दानवीर बन गए थे और गुप्त दान का चस्का लग गया था। महीने में करीब 50 हजार से अधिक रुपया वो ऐसे ही कार्यों में खर्च कर देते थे। इसके चलते उनके काफी चालू लोग जुड़ गए थे। सुशील ने आगे लिखा, 'हमें गाहे-बगाहे खूब ठग भी लिया जाता था, जो दान करने के बहुत दिन बाद पता चलता था। पत्नी ने हमेशा कहा कि आपको गलत और सही में पहचान करना नहीं आता, लेकिन उस समय लगता था कि वो ही मुझे नहीं समझ पा रही है। हमरे बीच काफी झगड़े होने लगे थे।'
शराब और सिगरेट की लग गई लत
उन्होंने लिखा, 'हालांकि इस बीच कुछ अच्छी चीजें भी हुई, दिल्ली में एक बिजनेस के सिलसिले में अक्सर मुझे यहां आना पड़ता था, महीने के कुछ दिन दिल्ली में ही बीत जाया करते थे। इस दौरान मेरी जान-पहचान जामिया मिलिया में मीडिया की पढ़ाई कर रहे लड़कों से हुआ फिर ऐसे ही और लोग भी जुड़ते गए। जब ये लोग किसी विषय पर बात करते थे तो लगता था कि अरे! मैं तो कुएँ का मेंढक हूं।' सुशील बताते हैं कि इस बीच उन्हें शराब और सिगरेट का चस्का लग गया था। जब उन लोगों के साथ बैठना ही होता था दारू और सिगरेट के साथ।
कैसे फैली कंगाली की खबर?
सुशील ने उस घटना का जिक्र करते हुए बताया जब मीडिया में उनके कंगाल होने की खबरें सामने आई थी। उन्होंने लिखा, 'उस रात एक फिल्म को लेकर मेरी बीवी से काफी बहस हुई थी। चिल्लाने लगी कि एक ही फिल्म बार बार देखने से आप पागल हो जाइएगा और और यही देखना है तो मेरे रूम में मत रहिये जाइये बाहर। मैं उस बात को दिल पर ले गया, एक महीने तक हमारी बात नहीं हुई। इस बीच एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार महोदय का फोन आया और कुछ देर तक मैंने ठीक ठाक बात की। बाद में उन्होंने कुछ ऐसा पूछा जिससे मुझे चिढ़ हो गई और मैने कह दिया कि मेरे सभी पैसे खत्म हो गए और दो गाय पाले हुए हैं उसी का दूध बेंचकर गुजारा करते हैं उसके बाद जो उस न्यूज का असर हुआ उससे आप सभी तो वाकिफ होंगे ही।'
फिल्म निर्देशक बनने की चाह लिए पहुंचे मुंबई
सुशील कुमार को इस बीच फिल्म निर्देशक बनने का भी चस्का लगा। इसका जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, उस समय खूब सिनेमा देखते थे लगभग सभी नेशनल अवार्ड विनिंग फिल्म,ऑस्कर विनिंग फिल्म ऋत्विक घटक और सत्यजीत रॉय की फिल्म देख चुके थे और मन में फिल्म निदेशक बनने का सपना कुलबुलाने लगा था। अपने एक परिचित प्रोड्यूसर मित्र से बात करके जब मैंने अपनी बात कही तो उन्होंने फिल्म सम्बन्धी कुछ टेक्निकल बाते पूछी जिसको मैं नही बता पाया तो उन्होंने कहा कि कुछ दिन टी वी सीरियल में कर लीजिए बाद में हम किसी फिल्म डायरेक्टर के पास रखवा देंगे। फिर एक बड़े प्रोडक्शन हाउस में आकर काम करने लगा वहां पर कहानी, स्क्रीन प्ले, डायलॉग कॉपी, प्रॉप कॉस्टयूम, कंटीन्यूटी और न जाने क्या करने देखने समझने का मौका मिला उसके बाद मेरा मन वहाँ से बेचैन होने लगा वहाँ पर बस तीन ही जगह आंगन,किचन,बेडरूम ज्यादातर शूट होता था और चाह कर भी मन नही लगा पाते थे। हम तो मुम्बई फ़िल्म निदेशन बनने का सपना लेकर आये थे और एक दिन वो भी छोड़ कर अपने एक परिचित गीतकार मित्र के साथ उसके रूम में रहने लगा ।
अब क्या कर रहे हैं सुशील कुमार ?
जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव देखने के बाद अब सुशील कुमार शांति का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सुशील ने लिखा, 'इसके बाद मैं मुम्बई से घर आ गया और टीचर की तैयारी की और पास भी हो गया साथ ही अब पर्यावरण से संबंधित बहुत सारे कार्य करता हूँ जिसके कारण मुझे एक अजीब तरह की शांति का एहसास होता है साथ ही अंतिम बार मैंने शराब मार्च 2016 में पी थी उसके बाद पिछले साल सिगरेट भी खुद ब खुद छूट गया। अब तो जीवन मे हमेशा एक नया उत्साह महसूस होता है और बस ईश्वर से प्रार्थना है कि जीवन भर मुझे ऐसे ही पर्यावरण की सेवा करने का मौका मिलता रहे इसी में मुझे जीवन का सच्चा आनंद मिलता है। बस यही सोंचते हैं कि जीवन की जरूरतें जितनी कम हो सके रखनी चाहिए बस इतना ही कमाना है कि जो जरूरतें वो पूरी हो जाये और बाकी बचे समय में पर्यावरण के लिए ऐसे ही छोटे स्तर पर कुछ कुछ करते रहना है।'
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