बचपन में ही घर छोड़कर भाग गए थे तारक मेहता....के डॉ हाथी, मौत से ठीक पहले प्रोड्यूसर को फोन पर कहीं ये बात
Recommended Video
नई दिल्ली। सब टीवी के सबसे पॉपुलर और देश का सबसे लंबा चलने वाला सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा के डॉ हंसराज हाथी का अचानक निधन हो गया। सालों से लोगों का हिट शो बन चुके इस सीरियल में अपनी कॉमेडी से लोगों को हंसाने वाले हंसराज हाथी यानि कवि कुमार आजाद का हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया है। पिछले दो -तीन दिन से वो बीमार थे, लेकिन सोमवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और हर्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हो गई। मौत से ठीक पहले डॉ हाथी ने शो के प्रोड्यूसर असित कुमार मोदी को फोन किया था।
मरने से ठीक पहले शो के प्रोड्यूसर को किया फोन
कवि कुमार की मौत पर शो के प्रोड्यूसर असित कुमार मोदी ने दुख जताया है। उनके बारे में असित ने कहा कि वो बेहद सकारात्मक इंसान थे। शूटिंग के वक्त हमेशा सेट पर वक्त से आते थे। भले ही तबीयत ही खराब क्यों न हो, लेकिन सूट के लिए वो लेट नहीं होते थे। असित मोदी ने बताया कि सोमवार सुबह भी उन्होंने फोन किया और कहा कि वो शूट पर नहीं आ सकेंगे, क्योंकि तबीयत खराब है। फोन रखने के थोड़ी देर बाद ही पता चला कि कवि कुमार का देहांत हो गया। असित मोदी ने कहा कि सुनकर विश्वास नहीं हो रहा था। खबर मिलते ही फौरन शूटिंग कैंसिल कर दी गई।
एक्टिंग के लिए बचपन में ही घर से भाग गए थे।
मूलरूप से बिहार के रहने वाले कवि कुमार को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। वो जानते थे कि वहां रहकर वो अपना सपना पूरा नहीं कर सकेंगे, इसलिए वो कम उम्र में ही घर से भाग गए। मुंबई आकर उन्होंने काम की तलाश शुरू कर दी, लेकिन उन्हें काम नहीं मिल पाया। कवि कुमार हताश नहीं हुए और उन्होंने कोशिश जारी रखी। उन्हें साल 2008 में सफलता मिली जब तारक मेहता के लिए किरदारों का चुनाव किया जा रहा था।
10 सालों से तारक मेहता....के साथ जुड़े थे कवि कुमार
कवि कुमार तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल के शुरुआती कलाकारों में हैं। वो साल 2008 से ही शो के साथ जुड़े थे और अपने जीवन के अंतिम पड़ाव तक शो के साथ बने रहे। उनका किरदार बच्चों के बीच काफी पॉपुलर था।
फिल्मों में भी मिला काम
टीवी के अलावा कवि कुमार ने फिल्म में भी काम किया। साल 2000 में उन्हें बॉलीवुड फिल्म 'मेला' में काम मिला। उन्होंने आमिर खान के साथ इस फिल्म में काम किया और लोगों को अपने काम से प्रभावित किया।
2010 में करवाई थी सर्जरी
डॉ हाथी अपने वजन की वजह से परेशान थे। साल 2010 में उन्होंने इसके लिए सर्जरी भी करवाई थी और 80 किलो तक वजन कम किया था। सर्जरी के बाद उन्हें डाइट पर रहना पड़ता था। कवि कुमार को फ्री समय में लिखना पसंद था। वो युवाओं के साथ समय बिताना पंसद करते थे।
पढ़ें-एक वक्त अपने मोटापे से काफी परेशान थे 'डॉ हाथी', सर्जरी से कम कराया था 80 किलो वजन