KBC 9: छोटी-छोटी बच्चियों का सर्कस मालिक करते थे रेप, कैलाश सत्यार्थी ने बयां किया घिनौना सच लेकिन बुरा मान गईं मालिनी अवस्थी
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नई दिल्ली। लंबे अरसे से बच्चों के बचपन को बचाने की कोशिश करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने समाज के उस घिनौने सच से लोगों को रूबरू कराया, जिसे सुनने के बाद हर उस इंसान के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, जिनके सीने में दिल धड़कता है। इंसानियत को शर्मसार करती बहुत सारी घटनाओं के बारे में कैलाश सत्यार्थी ने सोनी टीवी के मशहूर शो 'कौन बनेगा करोड़पति' में बताया, जिसे सुनकर ना केवल शो के होस्ट सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन बल्कि वहां उपस्थित सारे दर्शक सिहर उठे। सत्यार्थी शो में अपनी पत्नी संग हॉट सीट पर बैठे थे, गेम शुरू होने से पहले अमिताभ ने उनसे उन पर हुए हमले के बारे में पूछा, जिस पर सत्यार्थी ने कहा कि बात एक सर्कस की थी, जहां खुले आम 13-14 साल की किशोरियों का शोषण होता था, जिसके विरोध में वो जब खड़े हुए तो लोग उनके दुश्मन बन बैठे, वो हमला उसी नफरत की देन था।
सर्कस मालिक करते थे रेप...
बाल-श्रम के विरुद्ध और बाल अधिकारों पर लगातार कैंपेन चलाने वाले कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि अगर बच्चियां सर्कस में अच्छा प्रदर्शन करती थीं तो सर्कस मालिक उन्हें इनाम के तौर पर उनका रेप करते थे और अगर बुरा करती थीं तब भी सजा के रूप में उनका रेप किया जाता था। सत्यार्थी ने कहा कि वहां हालत बहुत खराब थीं, बच्चियों को कई-कई दिन तक भूखा रखा जाता था, उनके साथ गंदे काम होते थे, जब वो इसके विरोध में खड़े हुए तो उन्हें मालिकों की ओर से हमले का सामना करना पड़ा।
बाप करता था बेटी का रेप
यही नही सत्यार्थी ने एक और सच से पर्दा उठाया और वो ये कि एक बच्ची को तो उन्होंने पिता से चंगुल छुड़ाना पड़ा था क्य़ोंकि वो अपनी बेटी का रेप करता था। हैवानियत तो तब हो गई जब एक दफा ये बच्ची बीमार थी और उसने अपने पिता से दर्द में कराहती हुए हाथ जोड़कर कहा कि आज छोड़ दो लेकिन उसके पिता ने उसे नहीं छोड़ा और उसका रेप किया।
माज का ऐसा नकारात्मक चेहरा पेश करना कहीं से सही नहीं
लेकिन जहां कैलाश सत्यार्थी की बातों ने अमिताभ समेत दर्शकों की आंखों में आंसू ला दिए वहीं जानी मानी लोक गायिका मालिनी अवस्थी को ये बातें नागवार गुजरीं उन्होंने ट्वीट करके इस बात का विरोध जताया। उन्होंने ट्वीट किया, 'देश और समाज इतना बुरा भी नहीं जितना कैलाश सत्यार्थी बता रहे हैं. @KBCsony में समाज का ऐसा नकारात्मक चेहरा पेश करना कहीं से सही नहीं @SonyTV.'
'बचपन बचाओ आंदोलन'
मालूम हो कि स्वभाव से बेहद कोमल और गांधीवादी विचारधारा के मालिक कैलाश सत्यार्थी का जीवन दूसरों के लिए प्रेरणाश्रोत हैं।भारत के मध्य प्रदेश के विदिशा में 11 जनवरी 1954 को जन्में कैलाश सत्यार्थी 'बचपन बचाओ आंदोलन' चलाते हैं।वे पेशे से वैद्युत इंजीनियर हैं किन्तु उन्होने 26 वर्ष की उम्र में ही करियर छोड़कर बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया था।
"ह्युमेनीटेरियन पुरस्कार "
सत्यार्थी विश्व भर के 144 देशों के 83000 से अधिक बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य कर चुके हैं, कैलाश सत्यार्थी पहले ऐसे नोबेल विजेता हैं , जो भारत में जन्मे हैं।नोबेल पुरस्कार के अलावा सत्यार्थी को हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित पुरस्कार "ह्युमेनीटेरियन पुरस्कार " से सम्मानित किया जा चुका है।
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