कठुआ केस में फैसले से मासूम की मां नाखुश, दोषियों के लिए मांगी ये सजा
कठुआ गैंगरेप केस में फैसला आने के बाद पीड़ित मासूम की मां ने दोषियों के लिए इस सजा की मांग की है।
नई दिल्ली। पूरे देश को झकझोरकर रख देने वाले कठुआ गैंगरेप और मर्डर केस में सोमवार को आखिरकार फैसला सुनाया गया। इस मामले में मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता सांझी राम समेत 6 लोगों दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया। पठानकोट की विशेष अदालत ने सांझी राम, परवेश दोशी और दीपक खजुरिया को उम्रकैद की सजा, वहीं हेड कांस्टेबल तिलकराज, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता और स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) सुरेंद्र वर्मा को 5-5 साल की कैद और 50-50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि दोषियों को सजा मिलने के बाद मासूम बच्ची की मां ने फैसले पर नाखुशी जाहिर की।
'मेरी बच्ची को सही इंसाफ नहीं मिला'
पठानकोट की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद पीड़ित बच्ची की मां ने फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा, 'हमें अपनी बच्ची के दोषियों के लिए फांसी से कम सजा मंजूर नहीं है। उस घटना के इतने दिनों बाद भी मेरी बच्ची को सही इंसाफ नहीं मिला है। इस मामले में सभी दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।' आपको बता दें कि कठुआ में पिछले साल 10 जनवरी को आठ साल की मासूम बच्ची का अपहरण उस समय किया गया, जब वो घोड़े चराने के लिए गई थी। बच्ची के साथ लगातार चार दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया गया, बाद में उसकी हत्या कर दी गई। कठुआ गैंगरेप मामले को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हुए, साथ ही इसमें जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की गई थी। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पठानकोर्ट स्थानांतरित कर दिया गया था। घटना के करीब 17 महीने बाद कोर्ट ने इस केस में फैसला सुनाया है।
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फैसले पर महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा
वहीं, इस मामले में फैसला आने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं। यह समय ऐसे घिनौने अपराधों पर राजनीति करने का नहीं है जहां एक 8 साल की बच्चों को नशीले पदार्थ दिए गए, उसका रेप किया गया और फिर मौत की नींद सुला दिया गया। उम्मीद है कि हमारी न्यायिक व्यवस्था की खामियों का फायदा नहीं उठाया जाएगा और दोषियों को ऐसी सजा दी जाएगी जो मिसाल बनेगी। कठुआ मामले को लेकर राहत मिली। इसका पूरा श्रेय क्राइम ब्रांच की टीम का नेतृत्व करने वाले IGP मुजतबा, एसएसपी जाला, एडिशनल SP नावेद, डिप्टी एसपी श्वेताम्बरी, दीपिका राजावत और तालिब को जाता है। देश के उन सभी लोगों को भी इसका श्रेय जाता है, जो बच्ची के समर्थन में खड़े रहे।'
'आलोचना का कोई शब्द काफी नहीं'
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी दोषियों के लिए फांसी की मांग की है। रेखा शर्मा ने कहा कि कठुआ गैंगरेप के दोषियों को मौत की सजा दिलाने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार को ऊपरी अदालत में अपील करनी चाहिए। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस फैसले का स्वागत करते लिए हुए लिखा, 'दोषियों को कानून के तहत कठोरतम सजा मिलनी चाहिए और उन नेताओं ने जिन्होंने आरोपियों का बचाव किया, पीड़ितों को ही कठघरे में खड़ा किया, और लीगल सिस्टम को चुनौती दी, उनके लिए आलोचना का कोई शब्द काफी नहीं है।'
'ऐसे मामलों में धर्म को ना जोड़ा जाए'
वहीं, कठुआ गैंगरेप और मर्डर केस में फैसला आने के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, 'न्याय हुआ, एक साल से ज्यादा का समय लगा, लेकिन आखिरकार न्याय मिला। कठुआ बलात्कार मामले को भाजपा नेताओं की आंखें खोलने वाले एक केस के रूप में भी देखा जाना चाहिए, जिन्होंने बेशर्मी से शैतानों को बचाने की कोशिश की और अपने घटिया विचारों का बचाव करने के लिए तिरंगे झंडे का इस्तेमाल किया। आज भाजपा को जवाब देना चाहिए कि उनके मंत्री उन आरोपियों के समर्थन में क्यों उतरे? आरोपी चाहे किसी भी मजहब का हो, अगर उसने अपराध किया है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। इस तरह के जितने भी मामले हों, उन्हें धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। मध्य प्रदेश के इंदौर में, बिहार के गया में और यूपी के गोरखपुर में भी बच्चियों से रेप के मामले सामने आए हैं, और उन मामलों में भी न्याय मिलना चाहिए।'
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