पुलवामा हमले के बाद सेना की 111 पोस्ट के लिए पहुंचे 2500 कश्मीरी युवा
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में जहां एक ओर सैंकड़ों युवा आतंकवादियों के चुंगल में फंसते चले जा रहे है तो वहीं दूसरी ओर हजारों ऐसे कश्मीरी युवा हैं जो सेना और पुलिस में भर्ती होकर देश औऱ अपने परिवार की रक्षा करना चाह रहे हैं। भारतीय सेना में 111 पदों के लिए भर्ती निकाली गई। इसमें शामिल होने के लिए उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले में बुधवार को कश्मीरी युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। भर्ती में शामिल होने कश्मीर के युवाओं में देश की सेवा के लिए जब्जा साफ तौर पर देखने को मिला। इस भर्ती में तकरीबन 2500 युवा हिस्सा लेने पहुंचे थे।
यह देश सेवा का मौका, और क्या चाहिए?
भर्ती नें हिस्सा लेने आए एक युवा बिलाल अहमद से जब यह पूछा गया, कि सेना में भर्ती की प्रक्रिया में हिस्सा लेते हुए उन्हें कैसा लग रहा है ? तो बिलाल ने कहा कि, 'हमें अपने परिवार को संभालने और देश की सेवा करने का मौका मिलना चाहिए। इसके अलावा कोई और क्या चाहेगा?' उधर देश के अलग-अलग हिस्सों पुलवामा हमले के बाद कश्मीर के लोगों के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है। कश्मीर के लोगों के साथ कई जगहों पर मारपीट की भी खबरें आ रही हैं। जिसके बाद सीआरपीएफ को हेल्पलाइन नंबर शुरू करना पड़ा।
देशभर में कश्मीरी लोगों के खिलाफ गुस्सा
एक अन्य उम्मीदवार ने कहा, हम कश्मीर से बाहर नहीं जा सकते हैं। यह हमारे लिए बहुत अच्छा अवसर है। हम चाहते हैं कि हमारे लिए और अधिक रिक्तियां प्रदान की जाएं। यदि कश्मीरी कर्मियों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा तो वे लोगों से बात कर सकते हैं और चल रहा संकट से निपट सकते हैं। मारपीट की घटनाओं को देखते हुए कश्मीरी छात्र अपने-अपने घरों को वापस लौट रहे हैं। 300 से अधिक छात्र अपने घर वापस जाने के लिए उत्तराखंड और हरियाणा से मोहाली पहुंचे हैं।
एक सप्ताह में 46 जवानों की मौत
दरअसल, 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आंतकियों ने फिदायीन हमला किया था। इसमें 40 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद सोमवार को पिंग्लेना क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर हुआ। इस मुठभेड़ में मेजर समेत चार जवान शहीद हो गए।
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