कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्मः ...उधर पाकिस्तान में क्या चल रहा है
भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 तो हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान में भी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं.
पाकिस्तान ने मंगलवार को इस पर चर्चा के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाया है.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ़ अलवी ने मंगलवार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया है. इसमें भारत प्रशासित कश्मीर के हालातों पर चर्चा की जाएगी.
भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 तो हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान में भी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं.
पाकिस्तान ने मंगलवार को इस पर चर्चा के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाया है.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ़ अलवी ने मंगलवार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया है. इसमें भारत प्रशासित कश्मीर के हालातों पर चर्चा की जाएगी.
बीबीसी उर्दू संवाददाता आसिफ़ फ़ारूक़ी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने भी मंगलवार को सभी कोर-कमांडरों की बैठक बुलाई है.
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित ख़बरों के मुताबिक सेना प्रमुख बैठक में कश्मीर के हालातों पर चर्चा करेंगे.
पाकिस्तान के विदेश सचिव ने भारतीय राजदूत को तलब करके पाकिस्तान की ओर से सख़्त ऐतराज भी दर्ज कराया है.
इससे पहले रविवार को ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक को संबोधित किया था.
Pakistan reaffirms it's abiding commitment to the Kashmir cause and its political, diplomatic and moral support to the people of Occupied Jammu and Kashmir for realization of their inalienable right to self-determination. 2/2 https://t.co/f6zBVKeoMJ
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) 5 August 2019
वहीं भारत के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है, "पाकिस्तान भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर के बारे में की गईं भारत की घोषणाओं की आलोचना करता है और उन्हें खारिज करता है."
उन्होंने कहा, "हम पाकिस्तान का दौरा कर रहे अमरीकी प्रतिनिधिमंडल और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष अपना पक्ष मज़बूती से स्पष्ट करने का इरादा रखते हैं."
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों और उनके मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखेगा.
हर विकल्प का इस्तेमाल
पाकिस्तान ने ये भी कहा है कि 'भारत के इस अवैध क़दम को रोकने के लिए वो हर संभव विकल्प का इस्तेमाल करेगा.'
एक प्रेस विज्ञप्ति में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, "भारत सरकार की ओर से उठाया गया कोई भी इकतरफ़ा क़दम इस विवादित स्टेट्स को नहीं बदल सकता है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अपने प्रस्ताव में निर्धारित किया है"
"भारत के क़ब्ज़े वाले कश्मीर और पाकिस्तान के लोग कभी भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे."
बयान में कहा गया, "पाकिस्तान भी इस अंतरराष्ट्रीय विवाद का एक पक्ष है और वह अपने पास मौजूद हर विकल्प का इस्तेमाल इस अवैध क़दम को रोकने के लिए करेगा."
पाकिस्तान की संसद में कश्मीर मामलों की संसदीय समिति की बैठक भी हुई है.
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क्या कह रहे हैं पाकिस्तान के लोग?
बीबीसी उर्दू ने पाकिस्तान के शहर लाहौर में आम लोगों से बात की और उनकी राय जाननी चाही.
एक शहरी ने कहा, "ये उनका बदनियत से उठाया गया क़दम है. हम इसकी आलोचना करते हैं. हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और देश के भीतर इसके ख़िलाफ़ उठने वाली आवाज़ों का समर्थन करेंगे."
वहीं एक अन्य नागरिक ने कहा, "कश्मीर तो पहले से ही उनके क़ब्ज़े में है. इस पर पाकिस्तान का हक़ है. वो वहां जो भी क़ानून लाएंगे अपने फ़ायदे के लिए ही लाएंगे."
प्रधानमंत्री मोदी से शांति स्थापित करने की अपील करते हुए एक व्यक्ति ने कहा, "पाकिस्तान के लोगों की ओर से नरेंद्र मोदी साहब को हमारा ये पैग़ाम है कि कश्मीर के मुद्दे को सुलझाया जाए ताकि इस क्षेत्र में शांति को बढ़ावा दिया जा सके. इससे हम भी बाक़ी क़ौमों की तरह उभरकर सामने आएंगे."
एक युवा छात्र ने कहा, "कश्मीर के लोगों के हक़ छीने जा रहे हैं. फ़ौज के बाद फ़ौज भेजी जा रही है. उन्हें कश्मीर के लोगों के अधिकारों की कोई चिंता ही नहीं है."
जैसे ही कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने की ख़बर आई, पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में प्रदर्शन शुरू हो गए. युवाओं ने काले झंडों के साथ प्रदर्शन किया.
इसके अलावा पाकिस्तान के कई शहरों में भारत के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी किए गए हैं.