कश्मीर के एमएलए को शर्म आती तिरंगा फहराने में
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक आजाद एमएलए शेख अब्दुल रशीद इंजीनियर हैं। वे अब कह रहे हैं कि वे राज्य का ही झंडा फहराएंगे। उन्हें तिरंगा फहराना पसंद नहीं है। जरा सोच लीजिए इस तरह के एमएलए देश की एक विधानसभा में हैं।
दरअसल राज्य में झंडों पर जमकर सियासत हो रही है। अलगावादी पाकिस्तान का झंडा फहरा कर फख्र महसूस करते हैं। उनमें से बहुत से बार-बार अपने को पाकिस्तान का शुभचिंतक होने का दावा करते हैं। उनमें हुर्रियत कांफ्रेंस के तमाम नेता तो हैं ही। उनके अलावा इंजीनियर जैसे नेता भी हैं।
राज्य का फंडा
इंजीनियर ने बीते रविवार को राज्य का झंडा फहराया लाल चौक में एक कार्यक्रम में। लाल चौक श्रीनगर की जान है। इधर ही कई साल पहले भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने तिरंगा फहराया था।
संविधान ने दिया झंडा
बता दें कि देश के संविधान ने जम्मू-कश्मीर को 7 जून,1952 में अलग झंडा देने का फैसला किया था। पर इसे देते वक्त संविधान निर्माताओं ने यह नहीं कहा था कि कोई देश का झंडा ना फहराए। पर इंजीनियर साहब को इस बात से क्या लेना-देना है।
भारत विरोधी इंजीनियर
इंजीनियर कहने को तो एमएलए हैं, पर वे घोर भारत विरोधी हैं। वे कहते हैं कि जब तक भाजपा संविधान की धारा 370 को हटाने की मांग करेगी तब तक वे कश्मीर में भारत के झंडे की बजाय राज्य का ही झंडा फहराएंगे।
तुनक मिज़ाज एमएलए
इंजीनियर कुपवाड़ा जिले की लंगेट सीट से एमएलए हैं। राज्य के मामलों के जानकार कहते हैं कि वे इस तरह का कोई मौका नहीं छोड़ते जिससे उनके भारत-विरोधी होने का पुख्ता प्रमाण मिलता रहे। उनके बारे में कहा जाता है कि वे बहुत तुनक मिज़ाज हैं। बात-बात पर उनका मूड हो जाता है।
जानकार कहते हैं कि वे भले ही भारत का झंडा फहराना अपनी शान के खिलाफ माने, पर उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास का कभी ख्याल नहीं आया। उनके क्षेत्र में कोई विकास योजनाएं नहीं चल रहीं जिन्हें लाने में उन्होंने कोशिश की हो।