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कश्‍मीर के 5,000 केबल ऑपरेटर्स क्‍यों दिखा रहे हैं पाकिस्‍तान के चैनल्‍स

कश्‍मीर में पाकिस्‍तान और सऊदी अरब के 100 बैन चैनलों को किया जा रहा है टेलीकास्‍ट। केबल ऑपरेटर्स का कहना रणबीर पीनल कोड के तहत ही दिखा रहे हैं चैनल।

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श्रीनगर। कश्‍मीर में कम से कम ऐसे 50 चैनल हैं जो भारत के खिलाफ नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। इन चैनल्‍स का सीधा प्रसारण कश्‍मीर के हर घर में किया जाता है। पाकिस्‍तान और सऊदी अरब के चैनल्स जिनमें जाकिर नाइक का पीस टीवी भी शामिल है, उसे कश्‍मीर में आसानी से खुलेआम प्रसारित किया जा रहा है।

कश्‍मीर के 5,000 केबल ऑपरेटर्स क्‍यों दिखा रहे हैं पाकिस्‍तान के चैनल्‍स

बैन के बावजूद हो रहे टेलीकास्‍ट

कश्‍मीर घाटी में करीब 5,000 केबल ऑपरेटर्स हैं और लोग ज्‍यादातर प्राइवेट ऑपरेटर्स के जरिए भारत विरोधी चैनल्‍स का सब्‍सक्रिप्‍शन हासिल करते हैं। हैरानी की बात है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से इन चैनलों को बैन करने के बाद भी इन्‍हें टेलीकास्‍ट किया जा रहा है। इनमें से कुछ चैनल हैं करबला टीवी, एआरवाई क्‍यूटीवी, सऊदी सुन्‍नाह, सऊदी कुरान, अल अरबिया, पैगाम, हिदायत, नूर, मदानी, सहर, हादी, बेताहात, अहिलबात, मैसेज, फलत, जीयो न्‍यूज, एआरवाई न्‍यूज और डॉन न्‍यूज जैसे चैनल्‍स खुलेआम घाटी में टेलीकास्‍ट हो रहे हैं। इन सभी चैनलों पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से बैन लगाया गया है। हालांकि अभी तक केबल ऑपरेटर्स के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। ऑपरेटर्स घाटी में अपनी सेवाएं जारी रखेंगे। कश्‍मीर में अब प्रपोगैंडा की वजह से एक नई जंग लड़ी जा रही है। मौलवी, पाकिस्‍तानी और देश में कई लोग इस प्रपोगैंडा को आगे बढ़ाते हैं और सेना के खिलाफ लोगों को सड़कों पर आने के लिए मजबूर करते हैं।

सरकार का बैन पर कश्‍मीर पर लागू नहीं

इन चैनलों पर एंटी-इंडिया प्रोग्राम सारा दिन चलते रहते हैं और इनके जरिए कश्‍मीर में तनाव को भड़काने में फायदा मिलता है। जहां पाकिस्‍तान के चैनल भारत-विरोधी भावनाओं को भड़काते हैं तो वहीं सऊदी अरब के चैनल वहाबिज्‍म को बढ़ावा देते हैं। वहाबिज्‍म एक ऐसी धारणा है जो शरिया कानून को बढ़ावा देती है और चैनल्‍स पर आने वाले कार्यक्रम यह बताते हैं कि इस धारणा को क्‍यों लागू किया जाना चाहिए। पाकिस्‍तान के चैनल आतंकी संगठनों लश्‍कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों का जिक्र करते हैं। भारत सरकार की ओर से इन न्‍यूज चैनल्‍स को बैन किया जा चुका है। वहीं कश्‍मीर के केबल ऑपरेटर्स इन चैनल्‍स को रणबीर पीनल कोड का हवाला देते हुए दिखाते रहते हैं। कश्‍मीर के लोगों के लिए यह कानून अलग से बना हुआ है। केबल ऑपरेटर्स का यह भी कहना है कि ये सभी चैनल्‍स फ्री टू एयर हैं और पिछले दो दशकों से इन्‍हें दिखाया जा रहा है। वह कहते हैं कि भारत सरकार का बैन घाटी के केबल ऑपरेटर्स पर लागू नहीं होता है। हालांकि केंद्र सरकार इस स्थिति पर नजर रखे हुए है।

English summary
Kashmir cable operators beam 100 anti-India Pak, Saudi channels and centre monitors.
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