अयोध्या फैसले पर बोले कार्ति चिंदबरम-देश को किसी नए पूजास्थल की जरूरत नहीं
नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कह दिया कि अयोध्या की विवादित ढांचे वाली जमीन पर मंदिर बनेगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का देशभर के नेताओं ने स्वागत किया है। इसी बीच कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिंदबरम के बेटे कार्ति चिंदबरम ने कहा है कि देश को किसी नए पूजास्थल की जरूरत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद पर फैसले आने पर प्रतिक्रिया देते हुए कार्ति चिंदबरम ने कहा कि, मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत को किसी नए मंदिर, चर्च, मस्जिद, गुरुद्वारे या किसी भी पूजा स्थल की आवश्यकता नहीं है। हमारे पास पूजा के पर्याप्त स्थान हैं जिन्हें पुनर्स्थापन, नवीनीकरण और संरक्षण की आवश्यकता है। वहीं कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस ने कहा कि, हम राम मंदिर निर्माण का समर्थन करते हैं। इस फैसले ने न केवल मंदिर के निर्माण के लिए दरवाजे खोले बल्कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए बीजेपी और अन्य के लिए दरवाजे भी बंद कर दिए।
सुरजेवाला से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या अयोध्या की भूमि पर ही राम मंदिर बनना चाहिए तो उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है, और हां मंदिर वहीं बनना चाहिए। कांग्रेस पार्टी श्रीराम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाया। इस पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने फैसला सुनाया। खास बात है कि यह फैसला पांचों जजों की सर्वसम्मति से सुनाया गया है।
बता दें कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुना दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया है। विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना गया है। साथ ही मुस्लिम पक्ष को अलग जगह जमीन देने का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है।
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