करतारपुर कॉरिडोर: भारत से जानकारी साझा नहीं कर रहा पाकिस्तान, श्रद्धालु परेशान
नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन का दिन जैसे-जैसे करीब आ रहा है वैसे-वैसे सिख श्रद्धालुओं में करतारपुर गुरुद्वारा के दर्शन करने की इच्छा तीव्र होती जा रही है। वहीं, पाकिस्तान की तरफ से रोज नई बातें सामने आ रही हैं जो श्रद्धालुओं के परेशानी का कारण बन रही है। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ट्वीट कहा था कि, तीर्थयात्रा करने के लिए श्रद्धालु को पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी। इमरान के इस ट्वीट के बाद अब दोनों ही सरकारों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
दरअसल, भारत-पाकिस्तान के बीच हुए करतारपुर कॉरिडोर समझौते में पासपोर्ट वाली बात नहीं कही गई है और इमरान खान के ट्वीट के बाद पाकिस्तान की तरफ से एमओयू में संशोधन की पेशकश भी नहीं की गई है। ऐसे में श्रद्धालु भी परेशान हैं कि वह पाकिस्तान जा सकेंगे या नहीं। इस पर भारत सरकार के सूत्रों जानकारी मिली है कि करतारपुर के लिए पहला जत्था तैयार है लेकिन पाकिस्तान की तरफ से श्रद्धालुओं के व्यवस्था की पुष्टि नहीं की गई है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन को लेकर हमें कोई जानकारी नहीं दी है, पाकिस्तान सरकार ने हमारे द्वारा भेजे गए पहले जत्थे के कार्यक्रम और समय पर ध्यान नहीं दिया है। इसके अलवा वहां की सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए उपलब्ध चिकित्सा और सुरक्षा व्यवस्था जैसी महत्वपूर्ण जानकारी भी हमारे साथ साझा नहीं किया है।
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पिछले
दिनों
साइन
हुआ
एक
एग्रीमेंट
एमओयू
के
तुरंत
बाद
ही
इस
कॉरिडोर
के
खुलने
की
प्रक्रियाएं
औपचारिक
तौर
पर
शुरू
हो
गई
थीं।
कॉरिडोर
तड़के
खुलेगा
और
देर
शाम
तक
खुला
रहेगा।
जो
तीर्थयात्री
सुबह
करतारपुर
जाएंगे,
वे
उसी
दिन
वापस
आ
सकेंगे।
कॉरिडोर
पूरे
साल
खुला
रहेगा
मगर
कुछ
खास
दिनों
पर
इसे
बंद
कर
दिया
जाएगा।
जिस
समय
कॉरिडोर
बंद
होगा,
उस
बारे
में
तीर्थयात्रियों
को
पहले
से
सूचना
दे
दी
जाएगी।
करतारपुर
कॉरिडोर
की
नींव
भारत
की
तरफ
26
नवंबर
2018
को
रखी
गई
थी
और
इसके
दो
दिन
बाद
यानी
28
नवंबर
को
पाकिस्तान
की
तरफ
इस
कॉरिडोर
की
नींव
रखी
गई।