करतारपुर कॉरिडोरः भारत ने पाक उच्चायोग सीडीए को तलब किया, निर्णय को भावना के विरुद्ध बताया
नई दिल्ली। पाकिस्तान सरकार द्वारा गुरुद्वारा करतारपुर साहिब प्रबंधन की जिम्मेदारी ईटीपीबी संस्था देने को लेकर विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पाक उच्चायोग के सीडीए को तलब किया और पाकिस्तान सरकार के निर्णय को करतार कॉरिडोर की भावना के विरुद्ध बताते हुए विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि पाक उच्चायोग सीडीए को तलब किया और हमारा विरोध दर्ज किया गया है।
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गौरतलब है करतापुर गुरूद्वारा प्रबंधन की जिम्मेदारी पाकिस्तान सरकार ने एक ऐसे संस्था ईटीपीबी को सौंप दी है, जिस पर हर किसी को शक है। पाकिस्तान के इस फैसले पर भारत के सिख संगठनों ने आलोचना करते हुए भारत सरकार के सामने मुद्दा उठाया था। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान सरकार से आपत्ति जताई थी और उसका असर भी यह हुआ कि पाकिस्तान ने मामले पर सफाई देनी पड़ी, लेकिन भारत उनके तर्क से सहमत नहीं हुआ और दिल्ली स्थित उच्चायोग के अधिकारी को तलब किया।
अर्नब
गोस्वामी
की
गिरफ्तारी
पर
शिवसेना
की
दो
टूक,
'मुंबई
पुलिस
सिर्फ
कानून
का
पालन
कर
रही
है'
प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पाक उच्चायोग अधिकारी को मामले में भारत का विरोध दर्ज कराया और एक संदेश दिया है कि उक्त निर्णय करतारपुर की भावना के विरूद्ध है और पाकिस्तान को अपने मनमाने फैसले को पलटने की जरूरत है। दरअसल, करतापुर गुरूद्वारे के रख रखाव का काम पाकिस्तान सिख गुरूद्वारा प्रबंधक समिति से छीनकर ईटीपीबी को सौंप दिया गया है। बड़ी बात यह है कि नई समिति में एक भी सिख सदस्य नहीं है। ऐसा माना जाता है कि ईटीपीबी को पूरे तरीके से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई नियंत्रित करती है।
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