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करतारपुर कॉरिडोर: 'अगर जजिया' लेने पर अड़े रहे इमरान, तो सब्सिडी पर हो सकता है विचार

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बेंगलुरु। नवंबर माह में सिख धर्म के संस्‍थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर लंबे इंतजार के बाद सिख तीर्थयात्री पाकिस्‍तान में स्थित करतापुर गुरुद्वारें में दर्शन के लिए जाएंगे। लेकिन पाकिस्‍तान अगर श्रृद्धालुओं से जजिया के रुप में फीस वसूलने की जिद पर अड़ा रहा तो भारत तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाओं को ध्‍यान में रखते हुए करतापुर कॉरिडोर कभारत सब्सिडी पर विचार कर सकती है।

kartarpur

बता दें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान करतारपुर कॉरिडोर के जरिए आने वाले श्रद्धालुओं पर 20 डॉलर प्रति व्यक्ति के हिसाब से फीस यानी 'जजिया' वसूलने पर अड़े हैं। वहीं भारत सरकार ने 20 डॉलर की फीस खत्म कराने के लिए पाकिस्तान सरकार से कई बार आग्रह किया है, लेकिन इमरान खान अपनी जिद पर कायम हैं।अब भारत में इस बात पर चर्चा जोरों पर है कि करतारपुर कॉरिडोर पर अगर फीस माफ नहीं होती है, तो सब्सिडी जैसे किसी प्रावधान पर विचार किया जा सकता है। गौरतलब हैं कि करतापुर कॉरिडोर के लिए तीर्थयात्रियों का ऑनलाइन पंजीकरण जारी हैं । सिख धर्म के संस्‍थापक गुरु नानक देवक की 550वीं जयंती के लिए श्रृद्धालुओं का पहला जत्‍था 5 नवंबर और दूसरा जत्‍था 6 नवंबर को रवाना होगा।

राज्यों से किया जा सकता सब्सिडी का आग्रह

राज्यों से किया जा सकता सब्सिडी का आग्रह

पाकिस्तान की ओर से इस बाबत अधिकारिक बयान आ चुका है कि वे प्रति व्यक्ति 20 डॉलर की फीस हर हाल में वसूलेंगे। उधर, गुरु नानक देव जी के 17वें वंशज के तौर पर पहचाने जाने वाले बाबा सुखदेव सिंह बेदी कहते हैं कि सिख संगत इमरान खान से आग्रह करेगी कि वे यह फीस वसूलने का अपना फैसला बदल लें। अगर वे अपनी यह जिद नहीं छोड़ते हैं, तो इस बारे में केंद्र सरकार और पंजाब सरकार से बातचीत की जाएगी। इस मामले में दूसरे राज्य भी आगे आ सकते हैं। मसलन, जिस राज्य से भी सिख संगत करतारपुर गुरुद्वारे में आएगी, वहां की राज्य सरकारों से सब्सिडी का आग्रह किया जाएगा।

पंजाब सरकार पर भारी पड़ेगा बोझ

पंजाब सरकार पर भारी पड़ेगा बोझ

सूत्र बताते हैं कि सब्सिडी को लेकर केंद्र सरकार अकेले कोई फैसला नहीं ले सकती। इसमें राज्यों को सहयोग करना ही होगा। जिस राज्य से कोई व्यक्ति करतारपुर गुरुद्वारे आता है, तो वहां की सरकार उसे सब्सिडी दे सकती है। इस मामले में सबसे ज्यादा आर्थिक बोझ पंजाब सरकार पर पड़ेगा। इसलिए वहां अलग से कोई रास्ता निकालना होगा। इस मामले में दिल्ली सरकार पहले भी मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के माध्यम से इस तरह का प्रयास कर चुकी है। साठ साल से अधिक आयु वाले नागरिकों को कई तीर्थ स्थलों के निशुल्क दर्शन कराए जाते हैं।

राजनीतिक दलों का एकमत होना जरुरी

राजनीतिक दलों का एकमत होना जरुरी

दिल्ली सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए भी कुछ ऐसा सोचा जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा, पहले भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले एमओयू को देखेंगे। इसमें क्या समझौता होता है, उसे देखकर आगे बढ़ा जाएगा। इतना तय है कि इस दिशा में दिल्ली सरकार अपना कुछ न कुछ योगदान देगी। उधर, पंजाब के राजनीतिक दलों में भी यह बहस अब धीरे-धीरे ऊपर उठने लगी है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बाबत प्रदेश के दूसरे राजनीतिक दलों की बैठक बुला सकते हैं। चूंकि करतारपुर गुरुद्वारा भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में रहने वाली सिख संगत के लिए भी बड़ी श्रद्धा का प्रतीक है, इसलिए सभी राजनीतिक दल इस विषय पर एकमत से कोई फैसला ले सकते हैं।

भारतीयों के पैसों से कंगाल पाकिस्‍तान भरेगा खाली खजाना

भारतीयों के पैसों से कंगाल पाकिस्‍तान भरेगा खाली खजाना

गौरतलब ये हैं कि तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क के जरिए पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होगा जो फिलहाल लगभग खाली हो चुका है। पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों से सालाना करीब 258 करोड़ रुपए की कमाई करेगा। गुरुद्वारा साहिब करतारपुर में हर रोज 5000 तीर्थयात्रियों को ही दर्शन करने की अनुमति मिलेगी और पाकिस्तान हर तीर्थयात्री से 20 अमेरिकी डॉलर का सेवा शुल्क वसूलेगा यानी उसकी हर दिन 1,00,000 डॉलर की कमाई होगी। वर्तमान में एक डॉलर की कीमत 70.95 भारतीय रुपया है।

यानी पाकिस्तान हर दिन 70.95 लाख रुपए की कमाई करेगा. वहीं, पाकिस्तानी करेंसी की बात करें तो एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की कीमत 156.46 है यानी पाकिस्तान हर दिन 1.56 करोड़ रुपए (पाकिस्तानी रुपए) की कमाई करेगा. तीर्थयात्रियों को साल के 365 दिन करतारपुर जाने की अनुमति होगी, ऐसे में पाकिस्तान 3.65 करोड़ डॉलर अपने मुद्रा भंडार में जुटाएगा. यह धनराशि भारतीय रुपए में 258 करोड़ और पाकिस्तानी करेंसी 571 करोड़ रुपए होगी. करतारपुर कॉरिडोर जाने वाले श्रद्धालुओं को पाकिस्तान द्वारा वीजा फ्री एक्सेस देने के लिए 23 अक्टूबर को समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

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English summary
Pakistan is adamant on collecting fees or 'jiziya' at the rate of $ 20 per person for the pilgrims coming through the Kartarpur corridor. If this fee is not waived, India can consider any provision like subsidy.
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