#KarnatakaElections2018: कर्नाटक की राजनीति में 'राहु काल' इसलिए गर्वनर ने रोका फैसला
बेंगलुरु। कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर शह-मात का खेल और दिलचस्प हो गया है, बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मिल जहां सरकार बनाने का दावा ठोका, तो वहीं चुनाव बाद एक हुए कांग्रेस-जेडीएस भी रणनीति बनाने में जुटे हैं। दोनों दलों ने बीजेपी पर उनके विधायक तोड़ने का आरोप लगाया है। फिलहाल इस वक्त सियासी पारा पूरे चरम पर है। हर पार्टी सत्ता बनाने के लिए एड़ी-चोटी का दम लगा रही है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर 'राहुकाल' ट्रेंड कर रहा है।
कर्नाटक की राजनीति में 'राहु काल'
हर कोई इस मुद्दे पर अपनी राय रख रहा है और कह रहा है कि जितने सियासी पेंच वहां चल रहे हैं उसमें एक पेंच ज्योतिष का भी है, इस वक्त राहुकाल चल रहा था जिसकी वजह से कर्नाटक की सत्ता और पार्टी के बीच इतनी गहमागहमी मची हुई है।
दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर 1 बजकर 51 मिनट तक रहा 'राहु काल'
आपको बता दें कि बुधवार को बेंगलुरु में राहुकाल का समय दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर 1 बजकर 51 मिनट तक रहा। बीजेपी विधायक दल के नेता येदियुरप्पा ने इससे पहले ही जहां सरकार बनाने का दावा पेश किया, वहीं कांग्रेस-जेडीएस ने इसके बाद का समय चुना।
'राहु काल' में राज्यपाल ने कोई एक्शन नहीं लिया
सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि राज्यपाल राहुकाल गुजरने के बाद ही सरकार बनाने का न्योता देंगे और उनकी बात सही होते इसलिए भी दिखी क्योंकि इस टाइम में राज्यपाल ने कोई एक्शन नहीं लिया।
दक्षिण भारत में 'राहुकाल' की काफी मान्यता
दरअसल दक्षिण भारत में 'राहुकाल' की काफी मान्यता है। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। इसे राहुकालम भी कहा जाता है दिन में एक मुहूर्त की अवधि होती है जो अशुभ मानी जाती है। यह स्थान और तिथि के साथ अलग अलग होता है, अर्थात अलग अलग स्थान के लिए राहुकाल बदलता रहता है। यह अंतर समयक्षेत्र में अंतर के कारण होता है। मान्यता अनुसार किसी भी पवित्र, शुभ या अच्छे कार्य को इस समय आरंभ नहीं करना चाहिए। राहुकाल प्रायः प्रारंभ होने से दो घंटे तक रहता है।
भाजपा को मिलेगा न्यौता
माना जा रहा है सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल भाजपा को ही पहले सरकार बनाने का न्योता देंगे। चूंकि कांग्रेस और जनता दल एस का गठबंधन चुनाव बाद का है, इसलिए राज्यपाल उन्हें बुलाने के लिए बाध्य नहीं है। यदि चुनाव पूर्व गठबंधन होता तो पहला अवसर गठबंधन को ही दिया जाता।
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