कर्नाटक में नहीं चली केजरीवाल की झाड़ू, उम्मीदवारों को मिले NOTA से भी कम वोट
बेंगलुरू: कर्नाटक में 222 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बड़ी बढ़त हासिल हो गई है बीजेपी ने 100 के आकंड़े को पार कर लिया है जबकि कांग्रेस (70) दूसरे और JDS (38) तीसरे स्थान पर चल रही है। रुझानों को देखा जाए तो कर्नाटक की 222 विधानसभा सीटों में भाजपा सबसे आगे चल रही है।
रुझानों में भाजपा ने बहुमत के आंकड़े को छू लिया है, जिससे लग रहा है कि इस बार भाजपा अकेले ही प्रदेश में सरकार बना सकती है। बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 112 सीटें चाहिए होंगी। अभी तक आए रुझानों के हिसाब से इतना तो तय है कि बीजेपी कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
वहीं आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा है। आम आदमी पार्टी ने कर्नाटक में 28 उम्मीदवार उतारे थे लेकिन जिस प्रकार से चुनाव को लेकर दावे किये गए थे, परिणाम उसके एकदम उलट रहे हैं। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की इस चुनाव में बुरी हार होती दिखाई दे रही है और कोई भी प्रत्याशी सीट जीतने की स्थिति में नहीं दिखाई दे रहा है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को NOTA से भी कम वोट मिले हैं।
अभी अंतिम आंकड़े नहीं आये हैं लेकिन जो रुझान हैं, उसे आम आदमी पार्टी के लिए झटका जरूर कहा जा सकता है। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कर्नाटक की जनता से अपील की थी उन्हें वोट दें लेकिन कर्नाटक में अरविन्द केजरीवाल की पार्टी कोई छाप छोड़ने में फ़िलहाल नाकाम दिखाई दे रही है।
जेडीएस के साथ गठबंधन कर बीस सीटों पर लड़ने वाली बीएसपी ने कर्नाटक में एक सीट पर जीत हासिल कर ली है। बीएसपी ने कोल्लेगल (आरक्षित सीट) पर जीत दर्ज की है। बीएसपी ने इस सीट पर एन महेश को अपना प्रत्याशी बनाया था। एन महेश ने कांग्रेस के एआर कृष्णामूर्ति को 7220 मतों के अंतर से पराजित किया है।