कर्नाटक: स्पीकर ने कहा 'डिप्रेशन के समंदर' में हूं, फिर 14 और बागी MLA को अयोग्य ठहरा दिया
नई दिल्ली-कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा सरकार के विश्वासमत के एक दिन पहले नाटकीय घटनाक्रम में स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस-जेडीएस के 14 और विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। इससे पहले स्पीकर ने कहा था कि वे इतने दबाव में हैं कि डिप्रेशन के समंदर में डूब चुके हैं।
14 और बागी विधायक अयोग्य करार
तीन विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार देने के बाद रविवार को स्पीकर रमेश कुमार ने 14 और विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। स्पीकर के इस फैसले पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि अभी तक मुद्दे को लटकाए रहने के बाद उन्होंने तब यह विवादित फैसला लिया है, जब एक दिन बाद ही विधानसभा में येदियुरप्पा विश्वासमत पेश करने वाले हैं। जिन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया है, उनमें मुंबई के एक अस्पताल में इलाज करा रहे श्रीमंत पाटिल भी शामिल हैं। स्पीकर ने विधायकों की अयोग्यता का कारण ये बताया है कि उनका इस्तीफा स्वेच्छा से नहीं था और अनुचित भी है, इसलिए दलबदल विरोधी कानून के दायरे में आता है।
बीजेपी को तात्कालिक राहत
स्पीकर के इस फैसले से अब कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 225 से घटकर 208 रह गई है। स्पीकर ने जिन्हें अयोग्य किया है उनमें 11 कांग्रेस और 3 जेडीएस के विधायक हैं। क्योंकि, अबतक कुल 17 विधायक अयोग्य करार दिए जा चुके हैं। एक तरह से तात्कालिक तौर स्पीकर का ये फैसला बीजेपी के हक में भी कहा जा सकता है, क्योंकि उसे बहुमत के लिए अब 105 विधायकों की दरकार है, जो उसके पास पहले से ही मौजूद हैं। साथ ही एक निर्दलीय एमएलए का भी उसे समर्थन मिलने की भी पूरी संभावना है।
मैं जानता हूं कि किस दबाव में हूं- स्पीकर
इससे पहले मीडिया वालों से बात करते हुए कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने अपने सामने पैदा हुई राजनीतिक परिस्थियों को लेकर बेहद मायूसी जताई थी। उन्होंने कर्नाटक में मौजूद राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में कहा था कि इसके चलते वे डिप्रेशन में डूब गए हैं। उन्होंने कहा, "हम कहां पहुंच गए हैं? स्पीकर होने के नाते परिस्थितियों (कर्नाटक में हाल में पैदा हुआ राजनीतिक स्थितियों ) से निपटने के लिए मुझपर जिस तरह से दबाव डाला जा रहा है......इसकी वजह से मैं डिप्रेशन के समंदर में डूब रहा हूं।"
सभी एमएलए विश्वासमत में हिस्सा लें-स्पीकर
इसके साथ ही स्पीकर ने सभी विधायकों से कहा है कि वे सोमवार को हो रहे विश्वासमत के दौरान सदन में जरूर उपस्थित रहें। स्पीकर के मुताबिक, "बीएस येदियुरप्पा ने मुझसे कल होने वाले विश्वासमत का संचालन करने के लिए कहा है। वित्त विधेयक 31 जुलाई को लैप्स कर जाएगा। मैं सभी विधायकों से अपील करता हूं कि विश्वासमत के सत्र में जरूर भाग लें।" अब सवाल उठ रहा है कि सुप्रीम कोर्ट तक में अपनी बात मजबूती से रखने वाले स्पीकर रमेश कुमार इतने ज्यादा दबाव में क्यों आ गए? वैसे विधायकों की अयोग्यता का मसला एकबार फिर सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचने की संभावना है, जिसने पहले स्पीकर को यही निर्देश दिया था कि पहले विधायकों के इस्तेफे पर विचार करें अयोग्यता पर नहीं। लेकिन, स्पीकर ने उन्हें अयोग्य ठहराने का ही फैसला किया है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि बीजेपी विश्वासमत जीतने और वित्त विधेयक पारित करवाने के बाद इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर भी विचार कर रही है।