कर्नाटक की राजनीति में नया भूचाल- कुमारस्वामी सरकार में नेताओं, पुलिस अधिकारियों और पत्रकारों के फोन टेप
नई दिल्ली। बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर भास्कर राव के फोन टैप करने और उनके क्लिप्स मीडिया में प्रसारित करने के मामले की जांच से कर्नाटक में नया राजनीतिक बवंडर मच गया है। आपको बता दें कि दो हफ्ते पहले ही कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार के विश्वासमत साबित न कर पाने के बाद प्रदेश की सत्ता पर बीजेपी काबिज हुई है। जासूसी के आरोपों की पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान हालिया महीनों में कई राजनेताओं, अफसरों और पत्रकारों के फोन टैप किए गए। कुमारस्वामी ने इस मामले से अपने किसी कनेक्शन को सिरे से खारिज किया है।
कुमारस्वामी ने ट्वीट कर पूरे मामले में अपना पक्ष रखा
वहीं कुमारस्वामी ने ट्वीट कर पूरे मामले में अपना पक्ष रखा है। कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, ''जब मैं बार बार यह कह रहा था कि मुख्यमंत्री की कुर्सी सदा सदा के लिए नहीं है, तो मुझे अपनी सरकार बचाने के लिए फोन टैप करने की कोई जरूरत ही नहीं थी।''''कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ जो आरोप लगाए हैं वे सच्चाई से कोसों दूर हैं ।''कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार ने शुक्रवार को फोन टैपिंग के आरोपों को खारिज किया और पूर्व मुख्यमंत्री का पक्ष लेते प्रतीत हुए। इस मामले पर राजनीतिक विवाद बढ़ने के संकेतों के बीच शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा इस मामले में किसी भी जांच का आदेश देने के लिए मुक्त हैं। शिवकुमार पूर्ववर्ती कुमारस्वामी सरकार में एक मंत्री थे।
बी एस येदियुरप्पा ने क्या कहा
मामले के तूल पकड़ने के बीच, मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं घटनाक्रम पर नजर रख रहा हूं । प्रधान सचिव टीएम विजय भास्कर से विचार विमर्श करने के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में सोचा जाएगा।'
क्या था पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि अयोग्य करार दिए जा चुके हंसूर से जनता दल एस के विधायक ए एच विश्वनाथ ने बुधवार को पिछली सरकार पर आरोप लगाया कि उसने उनके समेत 300 से अधिक नेताओं के फोन टैप कराए थे ।विश्वनाथ जनता दल एस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं लेकिन बाद में वह बागी हो गए थे।