कर्नाटक: नए वन मंत्री आनंद सिंह ने आलोचकों पर किया पलटवार, बोले- महर्षि वाल्मीकि का भी था अतीत
नई दिल्ली। कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार के मंत्रिमंडल में आनंद सिंह को वन मंत्री बनाए जाने पर सवाल खड़ा हो रहा है। बेल्लारी जिले के विजयनगर से विधायक आनंद सिंह कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, इसी कड़ी में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा द्वारा उन्हें वन मंत्री बनाए जाने पर विपक्ष ने कर्नाटक सरकार को घेर लिया है। अपने उपर उठ रहे सवालों पर अब आनंद सिंह ने भी पलटवार किया है। विरोधियों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री येदियुरप्पा द्वारा उन्हें यह पद दिया गया है और वह सीएम के कहे अनुसार उनका पालन करेंगे।
बता दें कि हाल ही में कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेर बदल किया है। उन्होंने आनंद सिंह को नया वनमंत्री बनाया है जिसके बाद से उनके इस फैसले की आलोचना हो रही है। इस पर शुक्रवार को आनंद सिंह ने स्वीकार किया कि उनके खिलाफ 15 मामले लंबित हैं लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई चाहे तो आरोप पत्र देख सकता है। लोगों को यह पता होना चाहिए कि मुझपर लग रहे आरोप कितने सही हैं, तब जाकर उन्हें कुछ बोलना चाहिए। जितने भी आरोप हैं वह सभी राजनीतिक रूप से मेरी छवी को खराब करने के लिए लगाए गए हैं।
आनंद
सिंह
ने
महर्षि
वाल्मीकि
का
दिया
उदाहरण
आनंद
सिंह
ने
अपनी
सफाई
में
महर्षि
वाल्मीकि
का
उदाहण
दिया
है।
उन्होंने
कहा,
रामायण
को
लिखने
वाले
वाल्मीकि
का
भी
एक
अतीत
था,
लेकिन
जो
आज
रामायण
पूरी
दुनिया
में
प्रतिष्ठित
है
उसे
उन्होंने
ही
लिखा
है।
आनंद
सिंह
ने
कहा,
क्या
गलत
करने
वालों
को
सुधार
का
मौका
मिलना
गलत
है?
उन्होंने
आगे
कहा
कि
अगर
कार
चलाने
वाले
व्यक्ति
के
खिलाफ
मामला
है,
तो
क्या
कार
के
मालिक
को
भी
रोक
दिया
जाना
चाहिए
?
आनंद
सिंह
आगे
बताते
हैं
कि
मेरा
परिवार
बिजनेस
करता
है।
मैं
मालिक
नहीं
हूं,
लेकिन
यह
एक
पारिवारिक
व्यवसाय
है।
आनंद
सिंह
से
सवाल
किया
गया
कि
क्या
वह
वन
मंत्री
का
पद
छोड़
देंगे?
तो
इस
पर
उन्होंने
कहा,
यह
सिर्फ
मेरे
फैसले
पर
निर्भर
नहीं
करता,
यह
नेताओं
को
लेना
होगा
और
जो
भी
निर्णय
पार्टी
के
वरिष्ठ
लोग
लेंगे,
वह
उनका
पालन
करेंगे।
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