कर्नाटक के मंत्री ने डॉक्टर को घर बुलाकर लगवाया कोरोना टीका, विवाद होने पर बताया क्यों किया ऐसा
बेंगलुरू। कर्नाटक सरकार में कृषिमंत्री बीसी पाटिल ने मंगलवार को कोरोना का टीका लगवाया है। पाटिल ने मंगलवार को अपने घर पर ही डॉक्टरों की टीम को बुलवाया, जहां उनको और उनकी पत्नी को टीका लगाया गया। घर पर डॉक्टरों को बुलवाकर टीका लेने पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं, वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इसे गलत कहा है। जिसके बाद पाटिल ने सफाई देते हुए कहा है कि अस्पताल में लोगों को परेशानी से बचाने के लिए उन्होंने ऐसा किया है।
बीसी पाटिल ने घर पर टीका लगवाने को लेकर कहा, मेरे घर पर काफी लोग जमा थे, मैं अस्पताल में जाता तो उनको मुझसे मिलने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता। वहीं अस्पताल में भी मंत्री के जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता, उनको मेरी वजह से इंतजार करना पड़ता। ऐसे में मैंने घर पर ही मेडिकल टीम को बुलाकर टीका लगवा लिया, तो इसमें गलत क्या है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मांगी कर्नाटक सरकार से रिपोर्ट
बीसी पाटिल के डॉक्टर को घर बुलवाकर वैक्सीन लेने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने और इस पर विवाद होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस पर रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा, प्रोटोकॉल में इसकी इजाजत नहीं है कि डॉक्टर को घर बुलाकर वैक्सीन ली जाए। हमने इस मामले में कर्नाटक की सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
बता दें कि कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ है। इस चरण में 60 साल से ज्यादा के बुजुर्गों और 45 साल से ज्यादा के ऐसे लोगों, जो बीमार हैं और उनको संक्रमण का खतरा ज्यादा है, उनको वैक्सीन दी जा रही है। सोमवार को शुरू हुए कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण में मंगलवार दोपहर तक 1.48 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी गई है। इसमें 2.08 लाख लोग 45 से 59 साल की उम्र के हैं, जिनको टीका लगाया गया है।
कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण, बीमारी से पीड़ित 45 से 59 साल के 2 लाख लोगों को दी गई वैक्सीन