karnataka: विधानसभा में सोमवार की अग्निपरीक्षा के लिए किसकी कैसी है तैयारी?
नई दिल्ली- सोमवार को एचडी कुमारस्वामी सरकार के फ्लोर टेस्ट के लिए सत्ताधारी गठबंधन और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी अपनी ओर से रणनीतियों को आखिरी शक्ल देने में जुटे हुए हैं। क्योंकि, तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर अब विश्वासमत पर सदन में अंतिम फैसले को ज्यादा समय तक टालना स्पीकर रमेश कुमार के लिए भी आसान नहीं रह गया है। सोमवार को इस मसले से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होने वाली है।
दोनों खेमों में बैठकों की दौड़
कांग्रेस-जेडीएस खेमें के नेता अपनी सरकार को बचाए रखने के लिए अंतिम बाजी लगा चुके हैं। वह कई मीटिंग के जरिए, सोमवार की रणनीति को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा भी पार्टी विधायकों के साथ लगातार विचार-विमर्श में जुटे हैं। दोनों ओर इस बात पर चर्चा चल रही है कि सोमवार को सदन में पैदा होने वाली हर संभावित परिस्थितियों के मुताबिक उनका प्लान ऑफ ऐक्शन क्या रहेगा? सत्ताधारी गठबंधन मुंबई में बैठे विधायकों से भी इस्तीफा वापस लेने के लिए अंतिम दबाव बनाने के फिराक में जुट गया है। उनसे किसी भी सूरत में संपर्क साधकर कोई बड़ा प्रलोभन दिए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
सरकार बचाने के लिए बैकचैनल कोशिशें युद्धस्तर पर
जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा और अपना इस्तीफा वापस लेने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामलिंगा रेड्डी की ओर से सरकार बचाने के लिए बैकरूम प्रयासों में जुटे होने की भी जानकारी है। इसके कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं कि रामलिंगा रेड्डी ने देवगौड़ा से अचानक मुलाकात की है। दरअसल, जब उन्होंने इस्तीफा दिया था, तब कांग्रेस के तीन और विधायकों मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखर और बिराथि बसावाराज ने भी उन्हीं की अगुवाई में इस्तीफा दिया था। माना जा रहा है कि अब रामलिंगा के जरिए उन तीनों विधायकों को मनाने की एक बार अंतिम कोशिश की जा रही है। हालांकि रामलिंगा उनसे संपर्क नहीं हो पाने की दलील देकर असल बात सामने आने देने से बच रहे हैं। उनके मुताबिक, "मैं सोमवार से ही उन्हें यह बताने के लिए संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं कि मैंने इस्तीफा वापस ले लिया है, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। आखिरकार मैंने इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया है........हालांकि, घंटी बज रही है, लेकिन वे फोन उठा नहीं रहे हैं। " उन्होंने इन बातों का खंडन किया है कि देवगौड़ा ने तीनों विधायकों को वापस लाने पर उन्हें डिप्टी सीएम बनाने का कोई ऑफर दिया है।
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गठबंधन के पास सिर्फ 98 विधायक- येदियुरप्पा
शनिवार को बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी सरकार पर नैतिकता खोने का आरोप लगाते हुए कहा था कि, "राज्यपाल के द्वारा लगातार शुक्रवार को ही विश्वासमत की प्रक्रिया पूरा करने के निर्देशों के बावजूद, विधायकों को बिना मतलब घंटों बोलने में समय बर्बाद कर दिया गया। उनके पास बहुमत नहीं है और वो समय बर्बाद करने का पाप कर रहे हैं। गवर्नर क्या कार्रवाई करेंगे, ये उनपर निर्भर है।" येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी पर बहुमत का विश्वास खोने का दावा करते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने का कोई नैतिक हक नहीं है। क्योंकि, जेडीएस-कांग्रेस के पास सिर्फ 98 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पक्ष में 106 विधायक हैं। बीजेपी सरकार के पक्ष में विधायकों की संख्या 98 होने का दावा इसलिए कर रही है, क्योंकि खराब सेहत के चलते दो कांग्रेसी विधायक के सदन में पहुंच पाने को लेकर संदेह है। जबकि, इकलौते बीएसपी विधायक विश्वासमत पर क्या रुख अपनाएंगे, इसके बारे में मायावती की ओर से भी अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है। वहीं बीजेपी के एक समर्थक विधायक शंकर के बारे में बचाया जा रहा है कि स्पीकर ने अभी तक उनके विपक्ष के साथ बैठने देने का आग्रह स्वीकार नहीं किया है। इसलिए हो सकता है कि वह स्पीकर की कार्रवाई के डर से सदन से ही अनुपस्थित रहने का फैसला कर सकते हैं।
सुप्रीम से राहत मिलने के मोह में पड़ी है सरकार- येदियुरप्पा
कर्नाटक के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी सरकार से मांग की है कि, "अगर बहुमत है तो साबित करें या इस्तीफा दें और जाएं, हमारी यही मांग है। इस्तीफा न देकर वे सिर्फ समय खराब कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे इस मोह में पड़े हैं कि सोमवार को उन्हें सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिल जाएगी।" गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गवर्नर की ओर से उन्हें शुक्रवार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए दो बार निर्देश दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। इसके अलावा उन्होंने बागी विधायकों पर व्हिप लागू नहीं होने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी स्पष्टीकरण की मांग की है।
कांग्रेस-जेडीएस भी अंतिम दम तक लड़ने को तैयार
बीजेपी की मांगों को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस-जेडीएस नेताओं ने अपनी सरकार बचाए रखने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। खुद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वरा और हेवीवेट मंत्री डीके शिवकुमार इसको लेकर मंथन कर रहे हैं। शिवकुमार ने पत्रकारों से कहा है, "हमनें कहा है कि सोमवार को बहुमत साबित कर देंगे, हम इसे करेंगे.......हमें भरोसा है कि हम समर्थन जुटा लेंगे। हम कोई समय नहीं बर्बाद कर रहे हैं। क्या वाजपेयी को विश्वास मत के लिए 10 दिनों का वक्त नहीं मिला था?"
हमारे विधायकों को बंदूक के निशाने पर रखा है- शिवकुमार
कांग्रेस ने अपने आरोपों को दोहराया है कि गठबंधन के उम्मीदवारों को मुंबई में बंधक बनाकर रखा गया है। डीके शिवकुमार ने कहा है कि, "मैं कह रहा हूं कि आज भी हमारे विधायकों को बंदूक की निशाने पर रखा गया है, उनसे उनका फोन छीन लिया गया है, उन्हें किसी से भी बात नहीं करने दिया जा रहा है।" उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि मुंबई में मौजूद विधायकों को भी अलग-अलग कर दिया गया है, एक ग्रुप को लोनावला भेज दिया गया है और दूसरे को कहीं और रखा गया है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंडरे ने आरोप लगाया है कि अभी भी बीजेपी 'हॉर्स ट्रेडिंग' में लगी हुई है, जिसने एक मंत्री और बिदर नॉर्थ के विधायक रहिम खान को भी तोड़ने का प्रयास किया है।
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