क्या कर्नाटक में सरकारी अधिकारियों ने वैक्सीन लेने का बनवाया फर्जी वीडियो, हेल्थ मिनिस्टर ने बताई पूरी सच्चाई
क्या कर्नाटक में सरकारी अधिकारियों ने वैक्सीन लेने का बनवाया फर्जी वीडियो, हेल्थ मिनिस्टर ने बताई पूरी सच्चाई
Karnataka Health officials fake vaccination video goes viral: पूरे देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान 16 जनवरी से शुरू हो चुका है। जिसको लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसी बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा शेयर किया जा रहा है, जो कर्नाटक बताया जा रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक के तुमकुर में दो सरकारी अधिकारियों ने वैक्सीनेशन का फेक वीडियो बनवाया है। इस वायरल वीडियो में कुछ सरकारी अधिकारी टीकाकरण का वीडियो बनवाते दिख रहे हैं। वीडियो में दिखने वाले शख्स तुमकुर के जिला स्वास्थ्य अधिकारी नागेंद्रप्पा और गवर्मेंट नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रजनी हैं, जिनको लेकर ये दावा किया जा रहा है कि ये वैक्सीन लगवा नहीं रहे हैं बल्कि फेक वैक्सीनेशन का वीडियो बनवा रहे हैं। अब इस पूरे मामले पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर राव (Karnataka Health Minister Dr Sudhakar) का बयान सामने आया है।
जानें क्या है सच?
द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुधाकर ने शुक्रवार को कहा कि तुमकुर के दो स्वास्थ्य अधिकारियों का फेक वैक्सीनेशन का वीडियो पूरी तरह से गलत है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुधाकर ने फर्जी टीकाकरण के आरोपों का भी खंडन किया है।
सुधाकर ने कहा, तुमकुर में वे (स्वास्थ्य अधिकारी) पहले से ही टीका लगवा चुके थे। बाद में वे फोटोग्राफर्स के अनुरोध पर तस्वीरें खिंचवाने के लिए उन्होंने बस एक फेक वैक्सीनेशन का वीडियो बनवाया था। ये सब मीडियाकर्मियों के लिए किया गया था।
मंत्री सुधाकर ने बताया कुछ मीडियाकर्मी तुमकुर के जिला स्वास्थ्य अधिकारी नागेंद्रप्पा और गवर्मेंट नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रजनी के वैक्सीन लगवाने के वक्त की तस्वीरें और वीडियो नहीं ले पाए थे, इसलिए उनके अनुरोध पर दोबारा दोनों अधिकारियों ने कैमरे पर वैक्सीनेशन का पोज दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को ज्यादा खींचने की जरूरत नहीं ।
रिपोर्ट के मुताबिक तुमकुर के जिला स्वास्थ्य अधिकारी नागेंद्रप्पा और गवर्मेंट नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रजनी ने 16 जनवरी को ही बाकी के फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ भारत बायोटेक की कोवैक्सीन ली थी।