Karnataka gram panchayat election:किसान आंदोलन के बावजूद कर्नाटक में कैसे जीती भाजपा ?
Karnataka gram panchayat election results 2020:अभी तक के चुनाव नतीजों के मुताबिक कर्नाटक के ग्राम पंचायत चुनावों में सत्ताधारी बीजेपी कांग्रेस से निर्णायक बढ़त बना चुकी है। अभी तक जितने सीटों के नतीजे घोषित हुए हैं, उसमें बीजेपी समर्थित जीतने वाले उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा है। बीजेपी और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों में जीतने वालों का फासला करीब 5,000 सीटों का है। तीसरे नंबर पर जेडीएस का है और अन्य उम्मीदवारों ने भी अच्छी-खासी सफलता हासिल की है। शुरू में कांग्रेस ने दावा किया था कि किसानों के विरोध के बावजूद इन चुनावों में भाजपा का पत्ता साफ हो जाएगा
भाजपा समर्थित उम्मीदवारों की 60% सीटों पर जीत-येदियुरप्पा
कर्नाटक पंचायत चुनावों में अधिकांश सीटों पर बैलट से चुनाव करवाए गए थे, इसलिए नतीजे बहुत ही धीरे आए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (Karnataka Chief minister B S Yediyurappa)ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके दावा किया है कि पंचायत चुनावों में भाजपा समर्थित 60 फीसदी उम्मीदवारों को कामयाबी मिली है। सुबह में बीजेपी की जीत का ग्राफ थोड़ा थमा हुआ नजर आने लगा था और उस समय कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया दावा कर गए थे कि किसानों के विरोध के चलते बीजेपी की जमीन खिसक गई है, लेकिन मौजूदा परिणाम और रुझान उनके दावों को नकार रहे हैं। प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा इस जीत से काफी गदगद है। खासकर इसलिए कि ग्रामीण कर्नाटक में उसकी पकड़ मजबूत हुई है।
भाजपा का 3,600 से ज्यादा पंचायतों पर कब्जे का दावा
कर्नाटक में 22 और 27 दिसंबर को हुए दो चरणों के पंचायत चुनाव के जो नतीजे आए हैं, उससे बीजेपी बहुत ही उत्साहित है। अभी तक ज्यादातर नतीजे आ चुके हैं, उनमें से बीजेपी समर्थित उम्मीदवार 29,478 सीटों पर जीत दर्ज कर चुके हैं। जबकि, कांग्रेस समर्थित 24,560 उम्मीदवारों को जीत मिली है। जेडीएस के भी 15, 825 उम्मीदवार जीते हैं और अन्य उम्मीदवारों में जीतने वालों की तादाद 9,753 है। बीजेपी पंचायत चुनाव में पार्टी समर्थित उम्मीदवारों की इस जीत को अपनी बड़ी जीत बता रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पाके मुताबिक बीजेपी अबतक 3,600 ग्राम पंचायतों पर कब्जा कर चुकी है।
किसानों पर कांग्रेस के दावे की हवा निकली
शुरू में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्दारमैया (Congress leader Siddaramiah) ताल ठोककर कह रहे थे कि जब से पंचायत व्यवस्था कायम हुई है, ग्रामीण भारत ने हमेशा पंचायत चुनावों में उनकी पार्टी का समर्थन किया है। उनका कहना था कि कांग्रेस हमेशा किसानों और ग्रामीण भारत के साथ मजबूती से खड़ी रही है। इसलिए उन्होंने पंचायत चुनावों में जीत का दावा करते हुए कहा था, 'इससे लोगों में हमेशा विश्वास बरकरार रहा है। जीतने की परंपरा कायम है।' तब उनका दावा था कि उनकी पार्टी की ओर से समर्थित उम्मीदवार 25,000 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बना चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि, 'अन्नदाता,किसान-विरोधी कानूनों के खिलाफ हैं और उन्होंने ग्राम पंचायत चुनावों में बीजेपी को सबक सिखाने का बढ़िया मौका तलाश लिया है। रिपोर्ट मिल रही हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीत रहे हैं।' लेकिन, जब नतीजे आने लगे तो भाजपा समर्थित उम्मीदवार उनसे काफी आगे निकल गए।
50 सीटों पर सिक्का उछालकर या लॉटरी से आए नतीजे
गौरतलब है कि कर्नाटक के 5,728 गांवों में पंचायत की 70,000 से ज्यादा सीटों के लिए चुनाव हुए थे, जिसके लिए वोटों की गिनती बुधवार सुबह 8 बजे से ही शुरू हो गई थी। इस चुनाव में यूं तो हर जगह बैलट पेपर से वोटिंग हुई, सिर्फ बीदर जिले में ईवीएम का इस्तेमाल हुआ। इस चुनाव में कम से कम 50 सीटें ऐसी रहीं, जिसमें नतीजे टाई हो गए तो सिक्का उछालकर या लॉटरी के जरिए उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला किया गया। मसलन, हुंसूर के चल्लाहल्ली पंचायत के गोहाल्ली वार्ड में दो महिलाओं को 100 वोट मिले, उनका परिणाम लॉटरी निकालकर घोषित हुआ। रायचूर के रामदुर्गा ग्राम पंचायत में भी दो उम्मीदवारों को 388-388 वोट मिले। जीतने वाले उम्मीदवार की घोषणा सिक्का उछाल कर किया गया।