सूखे से राहत पाने के लिए कृत्रिम बारिश कराएगी कर्नाटक सरकार
नई दिल्ली। सूखे की मार झेल रहे कर्नाटक के किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने कृत्रिम बारिश कराने के फैसला लिया है। इसके लिए कर्नाटक सरकार की ओर से टेंडर भी जारी कर दिया गया है। सरकार ने इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 88 करोड़ तय की है। यह ठेका दो सालों के लिए दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि सरकार ने राज्य के किसानों को राहत देने के फैसला उस रिपोर्ट के बाद किया है जिसमें इस साल भी मानसून में कम बारिश होने के संकेत हैं।
इस संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री कृष्णा गौड़ा ने कहा है कि अखबरों में हम देख रहे हैं कि 2019 में कम बारिश की संभावना जताई जा रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए हमने पहले ही दो साल के लिए यानी 2019-20 और 2020-21 के लिए क्लाउड-सीडिंग को लागू करने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जून के अंत तक हम राज्य में क्लाउड-सीडिंग प्रक्रिया शुरू करेंगे। टेंडर एक साथ दो साल के लिए होगा। विशेषज्ञों की एक समिति ने इस तरह की सिफारिश की थी।
जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक में इस साल 30 जिलों के 156 तालुकों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। जबकि राज्य के 107 तहसील ऐसे हैं जो सूखे की संकट से जूझ रहे हैं। हालांकि 49 तहसीले ऐसी हैं जहां थोड़ी राहत की खबर है। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि क्लाउड सीडिंग पहले अगस्त तक करने का प्लान था, उस समय तक मानसून लगभग समाप्त हो जाता था, इसलिए इससे बचने के लिए सरकार ने इस बार मानसून की शुरुआत में ही कराने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि दो विमानों के साथ बेंगलुरु और हुबली में क्लाउड सीडिंग के लिए दो केंद्र होंगे।
बता दें कि कर्नाटक कर्नाटक में किसानों के सूखे की संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने केंद्र सरकार से भी मदद मांगी है। केंद्र सरकार को सौंपे एक ज्ञापन में कर्नाटक सरकार ने किसानों की मदद के लिए 2 हजार 64 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मांगी है। हालांकि केंद्र सरकार अभी इस पर विचार कर रही है।
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