कर्नाटक सरकार ने IMA पोंजी केस की जांच CBI को सौंपी
नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार ने आईएमए पोंजी स्कैम केस की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इससे पहले इस केस की जांच एसआईटी कर रही थी। एसआईटी ने इसी महीने करोड़ों की ठगी करने वाले पोंजी स्कैम का सरगना मंसूर खान के घर बने स्वीमिंग पूल में 303 किलो नकली सोना बरामद किया था। एसआईटी ने अपने बयान में कहा था कि पोंजी स्कीम चलाने वाले मोहम्मद मंसूर खान लोगों को सोना दिखाकर लोगों से कंपनी में निवेश करने के लिए बोलते थे।
बता दें कि खान देश से फरार हो गया था। देश से फरार होने से पहले उसने नकली सोने की छड़ों को छुपाकर रख दिया था। अब एसआईटी ने इस जगह पर छापेमारी कर 5,880 छड़े बरामद की, जिनका वजन 303 किलोग्राम है। प्रवर्तन निदेशालय ने आईएमए ज्वेल्स के मालिक को पिछले महीने दिल्ली में गिरफ्तार किया था।
अधिकारियों ने कहा कि आईएमए के निदेशकों निजामुद्दीन और वसीम ने जून की शुरुआत में खान के निर्देश पर अपार्टमेंट की छत पर से सोने का पानी चढ़े तांबे के बिस्कुट हटा दिए थे। ये बिस्किट छत पर स्थित एक स्विमिंग पूल को भरने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मोटर के लिए बनाए गए एक घेरे में पाया गया था। पुलिस सूत्रों ने कहा था कि उन्हें संदेह है कि निजामुद्दीन या वसीम ने असली सोने का आदान-प्रदान किया होगा और इसे नकली बिस्किट से बदल दिया होगा।
यह कुल 1500 करोड़ का घोटाला है। इस घोटाले में आई मॉनिटरी अडवाइजर (IMA) के संस्थापक मोहम्मद मंसूर खान पर मुस्लिमों को इस्लामिक बैंक के नाम पर करीब 30 हजार चूना लगाने का आरोप है। मोहम्मद मंसूर करीब 1500 करोड़ की धोखाधड़ी कर दुबई भाग गया था। मंसूर खान ने लोगों से स्कीम में पैसा लगाने पर मोटे पैसे वापस आने का वादा किया गया था, लेकिन लोगों के साथ धोखा हुआ।
यह भी पढ़ें- INX Media case: हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पी. चिदंबरम