टीपू जयंती पर हाई कोर्ट में कर्नाटक सरकार का बड़ा बयान, कहा- जिसको मनाना हो मनाए
नई दिल्ली। कर्नाटक में टीपू सुल्तान को लेकर बहस जारी है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर आमने सामने आ गई है। इसी बीच प्रदेश सरकार ने कर्नाटक हाई कोर्ट से कहा कि वह किसी को भी टीपू जयंती मनाने से नहीं रोकेगी और ना ही सरकार उस दिन कोई जश्न मनाएगी जैसा कि अतीत की सरकारों ने मनाया था। वहीं, कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को टीपू जयंती न मनाने के अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है।
मालूम हो कि दिसंबर में कर्नाटक की 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है, हालांकि यह चुनाव अयोग्य ठहराए गए नेताओं की लोकसभा सीट पर होना है। 18वीं शताब्दी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की 10 नवंबर को 270वीं जयंती है। भाजपा टीपू जयंती मनाने के सख्त खिलाफ है, यहां तक की कर्नाटक सरकार ने जयंती पर प्रतिबंध लगाने और स्कूल के सिलेबस से टीपू संबंधित इतिहास को मिटाने तक की बात कहा था। भाजपा टीपू सुल्तान को धर्माध तानाशाह बताया है।
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धर्माध
तानाशाह
था
टीपू:
बीजेपी
कुछ
दिनों
पहले
कर्नाटक
बीजेपी
के
प्रवक्ता
जी
मधूसूदन
ने
टीपू
सुल्तान
के
तानाशाह
बताया
था।
उन्होंने
कहा
कि,
टीपू
ने
सैंकड़ों
हिंदुओं
को
मुसलमान
बनाया
वह
धर्माध
तानाशाह
था।
उन
सभी
की
आत्मा
को
शांति
मिले
इसलिए
हमें
उसके
जन्मदिवस
को
नहीं
मनाना
चाहिए,
जिन्हें
टीपू
और
उसके
जघन्य
अपराधों
के
चलते
परेशानियों
का
सामना
करना
था
जिनकी
मौत
टीपू
के
वजह
से
हुई।